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एमबीबीएस के अलावा छात्रों के पास और भी है मेडिकल क्षेत्र में करिअर ऑप्शन

29-03-2024 16:25:17 IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
चतरा : नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित होनी है। इसका रिजल्ट 14 जून को जारी कर दिया जाएगा। साइंस स्ट्रीम से 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए नीट यूजी परीक्षा देते हैं। नीट यूजी को देश-दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में में से एक माना जाता है। 
आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष 21.5 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन किया था। साल 2022 में 18.72 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन किया था। इस वर्ष पंजीकरण करवा चुके छात्रों की संख्या करीब 22.79 तक पहुँच चुकी हैं। एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान बताया है कि यह संख्या 25 लाख पार हो जाने की उम्मीद है।
 
MBBS की एक सीट पर 50 दावेदार:
MBBS की देश में कुल सीटें 1.08 लाख है। वहीं बीडीएस की कुल 27 हजार सीटें हैं और आयुष की लगभग 53 हजार सीटें हैं, जबकि अन्य मेडिकल कोर्स की करीब करीब 3 हजार सीटें हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों की संख्या लगभग 48 हजार है। मतलब एक सरकारी सीट के लिए 50 दावेदार इस बार सामने हैं। बाकी सभी सीटें निजी मेडिकल कॉलेज में हैं। सभी कैंडिडेट हर हाल में सरकारी मेडिकल कॉलेज में ही दाखिला लेना चाहते हैं क्योंकि यहां फीस प्राइवेट काॅलेजों की अपेक्षा बहुत कम होती है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने भी इस बात पर सहमति दर्ज की है कि एमबीबीएस में दाखिले की राह इस साल और कठिन होने वाली है। एक बात तय है कि इस साल भी करीब 23.50 लाख युवा सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस सीट पाने से वंचित रहेंगे। 
 
एमबीबीएस के अलावा भी है बेहतर विकल्प: 
हर मां-बाप का सपना होता है, कि उसका बेटा-बेटी बड़े होकर डॉक्‍टर-इंजीनियर बनें। कुछ बच्‍चे इस सपने को हकीकत में भी बदल देते हैं। मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए नीट अहम पड़ाव है। इस परीक्षा को पास करने के बाद जहां कई स्टूडेंट्स मेडिकल क्षेत्र में ही काम करना पसंद करते हैं तो वहीं कई ऐसे भी हैं जो एमबीबीएस के बाद ऑल्टरनेट करियर ऑप्शन भी चुनते हैं। 
ऐसे स्टूडेंट्स जो नीट क्वालिफाई नहीं कर सकें हैं वो भी मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। यह मिथक अब धीरे धीरे टूट रहा है की नीट परीक्षा के बाद एमबीबीएस और बीडीएस जैसे लिमिटेड ऑप्शन होते हैं। यह गलत धारणा है आप सिर्फ डॉक्‍टर ही नहीं बन सकते, बल्कि कई अन्य तरह से भी अपना करियर बना सकते हैं। इनमें प्रमुखता से फार्मेसी और फिजिओथेरेपी कोर्स का नाम लिया जा सकता है इन प्रोफेशनल्स की डिमांड देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।   
 
मेडिकल प्रोफेशन में लड़कियों की बढ़ी रूचि :
नीट यूजी 2024 परीक्षा के लिए अब तक जितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें फीमेल्स की संख्या  ज्यादा है। 13 लाख से ज्यादा फीमेल स्टूडेंट्स नीट यूजी 2024 के लिए आवेदन कर चुकी हैं। जबकि  पुरुष कैंडिडेट्स की संख्या 10 लाख  को पार कर चुकी है। आंकड़े स्पष्ट तौर पर संकेत देते है कि फीमेल्स मेडिकल और इससे जुड़े प्रोफेशन में अब ज्यादा रूचि दिखा  रही है। मेडिकल की फील्ड में एमबीबीएस और बीडीएस के अलाव अभी कई सारे ऑप्शन मजूद है जिनकी डिमांड पिछले कुछ वर्षोंमें बढ़ी है इनमें फार्मेसी और फिजिओथेरेपी सबसे लोकप्रिय कोर्स बने हैं।  प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले संस्थानों का अनुमान है कि महिलाओं की बढ़ी भागीदारी के कारण  इस साल  नीट यूजी 2024 का कटऑफ भी  हाई  रहेगा।
 
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