तेजस्वी ने आगे कहा कि किसी को यकीन नहीं था कि इतना बड़ा गठबंधन होगा. गठबंधन की तीन-तीन बार बैठकें हो चुकी हैं. कॉर्डिनेशन कमेटी की भी बैठक हुई है. सब कुछ ठीक चल रहा है. हम सब एक साथ उठते बैठते हैं. चिराग पासवान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन तो ठीक ही है, लेकिन उनका क्या होगा जो एनडीए में गए हैं?एक ही परिवार और एक ही पार्टी को अलग-अलग बंटाधार कर दिया. दिक्कत इंडिया गठबंधन में नहीं होकर एनडीए साइड में है. चिराग एनडीए को दुरुस्त करें.
गौरतलब है कि चिराग पासवान एनडीए के मददगार रहे हैं. चिराग जब से एनडीए में शामिल हुए हैं,तब से तेजस्वी यादव उन पर निशाना साधते रहे हैं. हालांकि 2019के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान एनडीए में शामिल थे, लेकिन 2020के बिहार विधानसभा चुनाव में वे एनडीए से बाहर हो गए. एनडीए से बाहर होने के बाद भी उन्होंने तेजस्वी यादव का समर्थन नहीं लिया और तीसरा मोर्चा गठित कर चुनाव लड़े. इसका नतीजा ये हुआ कि चिराग पासवान का प्लान पूरी तरह फेल हो गया. साथ ही तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी भी बहुमत पाने से चूक गई. तेजस्वी को इस बात का मलाल आज भी है. यही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले चिराग के एनडीए में शामिल होने के बाद तेजस्वी यादव ने उनकी दुखती रग पर हाथ रखा है.
इधर बीजेपी व जेडीयू के तल्ख रिश्तेजगजाहिर है. सीएम नीतीश कुमार को बीजेपी की नीतियां रास नहीं आ रही, तो बीजेपी नेताओं को नीतीश कुमार नहीं सुहाते. दोनों एक दूसरे पर हमलावर है. जब भी मौका मिलता है एक दूसरे को नीचा दिखाने का मौका नहीं छोड़ते.
कोयलांचल लाइव के लिए डेस्क रिपोर्ट
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