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कहीं खुशी कहीं गम परा रम पम पम , झारखंड सहित धनबाद में दिखी जोरदार परिवर्तन की लहर
11/23/2024 3:42:22 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad :
विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत का जीत का दावा जहां सफल हो चुका है वहीं एक लंबे समय के बाद एकबार फिर से कांग्रेस में प्रसन्नता की झलक दिख रही है। जहां तक धनबाद कोयलांचल की बात है तो धनबाद संसदीय क्षेत्र की सभी छह विधानसभा सीट की में यहां भाजपा को एक सीट का जहां नुकशान हुआ है। वहीं अतरिक्त रूप से तीन सीटों में परिवर्तन हुआ सिंदरी , झरिया व बाघमारा। इसमें सिंदरी जिसे कभी लाल झंडा का गढ़ माना जाता था , इस चुनाव परिणाम के बाद उक्त कथन की फिर से वापसी हुई है। सिंदरी से भाकपा माले की जीत हुई है। यहां यह बताना जरूरी होगा कि वामवादी दल मार्क्सवादी समन्वय समिति के प्रदर्शन के कारण हीं सिंदरी को लाल झंडा का गढ़ माना जाता था। और कमजोर होने की स्थिति में पिछले दिनों मार्क्सवादी समन्वय समिति का विलय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट लिबरेशन) में हो गया था। जिसका फायदा इस बार सिंदरी में परिवर्तन के रूप में देखने को मिला। जहां तक झारखंड में परिवर्तन की बात है तो इस चुनाव दो बड़े राजनितिक नेताओं ने बड़ी मुश्किल से अपनी साख बचाया है । सर्वप्रथम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन तथा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी। झरिया सीट पर भाजपा की वापसी से असली सिंह मेंसन का चेहरा एक बार चकमकाने लगा है। लंबे समय के बाद रागिनी सिंह की जीत से जेल में लंबे समय से बंद पूर्व विधायक संजीव सिंह और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं दो बार झरिया सीट कांग्रेस विधायक रही पूर्णिमा नीरज सिंह और उनके समर्थकों में मायूशी छा गई है। सिंदरी सीट पर भी कई टर्म विधायक रखने वाली भाजपा इस बार सिर्फ हारी हीं नहीं है बल्कि एक बार फिर लाल झंडे को जीतने का प्रोत्साहन दे दी है। यही स्थिति कमोवेश निरसा की भी है वहां भी अपर्णा की हार से लाल झंडे को फिर आने का प्रोत्साहन मिल गया है। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि काफी आरोप प्रत्यारोप के बावजूद बाघमारा में सांसद ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो चुनाव जीत गएँ हैं।
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क
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