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नगर निकाय चुनाव की घोषणा जल्द ,मामले में कोर्ट में किये वादे की भी अवहेलना कर रही है सरकार 
 

7/7/2025 4:02:21 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad: झारखंड के विभिन्न इलाकों में जो भी नगर निकाय के चुनाव में प्रत्याशी बनने के इच्छुक हैं चाहे वह मेयर का हो, डिप्टी मेयर का हो या पार्षद का हो वह अपनी कमर कस ले बरसात के बाद कभी भी इसके लिए सरकार अधिसूचना जारी कर देगी ऐसे संकेत मिले हैं ।
 
क्या आ रही है तकनीकी बाधा : 
 
झारखंड पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त है। ऐसे में राज्य के तमाम 24 जिलों से ट्रिपल टेस्ट सर्वे की रिपोर्ट आ चुकी है l साथ हीं इस मामले में डाटा कंपाइल की एजेंसी भी चुना जा रहा है। जो संबंधित मामले अंतिम निर्णय लेकर संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजेगी जिसके आधार विभिन्न क्षेत्रों के लिए सीट पर आरक्षण तय होगा । यही चुनाव की तिथि टलने की सबसे बड़ी बाधा थी लेकिन यह बाधा भी लगभग जल्द हीं टल जायेगी। इसके अलावा डी के तिवारी के  हटने के बाद राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त का पद भी रिक्त पड़ा है जिसको लेकर कदम कदम विभिन्न तकनीकी बाधाएं आ रही है। लेकिन इसके लिए भी युद्ध स्तरीय प्रयाश जारी है जिसका परिणाम जल्द हीं निकल जाएगा। अर्थात लगभग सारी बाधाएं समाप्ति पर है। 
 
राज्य नगर आयुक्त का पद भी है रिक्त : 
         
एक बड़ी बाधा यह है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद भी अभी खाली है डी तिवारी द्वारा पद खाली करने के बाद संबंधित पद पर अब तक कोई नए पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है तथा चुनाव के लिए संबंधित पद का भी रहना निहायत आवश्यक है।
 
विकास कार्य पड़ गए हैं ठंडे : 
 
नई चुनाव न होने के कारण नगर निगम संचालित तमाम विकाश  कार्य ठप पड़ गयें  हैं। और तो और केंद्र सरकार से विकास मद में राज्य को मिलने वाली 1600 करोड़ रूपये पर भी ग्रहण लग गयी है। इस प्रकार का कई अन्य आर्थिक नुकशान भी हो रहें हैं। 
 
 क्या है कानूनी पेंच :
 
झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व पार्षद रोशनी खलको की याचिका पर कोर्ट आफ कंटेंप्ट की सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव व निर्वाचन सचिव के उपस्थिति में जनवरी 2025 में हीं यह तय हुआ था कि नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार को 4 महीने का समय और दिया जाय। कोर्ट ने संबंधित समय भी दे दी थी जो गत  16 मई को कंप्लीट हो गई । ऐसे में कोर्ट आफ कंटेंप्ट के तहत जारी आदेश के पालन में भी सरकार निष्फल हो जाने के बाद संबंधित प्रक्रिया को लेकर कभी भी अगली सुनवाई हो सकती है । जिसमें झारखंड सरकार का गर्दन फसना तय है। 
 
पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष पद भरेगा जल्द :
 
जानकारी मिली है कि पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति आगामी एक सप्ताह के अंदर हो जाएगी ।इसके बाद राज्य भर से आए आंकड़े के आधार पर कंपाइल डाटा विश्लेषण एजेंसी की ओर से करने के बाद यह तय होगा कि  किस क्षेत्र में सीट के लिए कितना आरक्षण किस जाति को मिलेगा और यही  तकनीकी बाधा चुनाव के क्षेत्र में सबसे बड़ी खलल डाल रही थी। पिछड़ा आयोग अध्यक्ष का नियुक्ति होने के बाद या प्रक्रिया जल्द ही समाप्त हो जाएगी । उसके बाद चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू करना सरकार के समक्ष पहली प्राथमिकता हो जाएगी क्योंकि इससे राज्य को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। 
 
राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद भी है रिक्त :
प्राप्त जानकारी के अनुसार डी तिवारी के हटने के बाद से राज्य के निर्वाचन आयुक्त का पद भी रिक्त है। जानकारों के अनुसार राज्य में रिक्त पद राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर भी नए पदाधिकारी की नियुक्ति बहुत जल्द होनी है जो चुनाव के क्षेत्र में एक बड़ी बाधा बन रही थी।
 
दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने की आशा : 
 
आगामी नगर निगम चुनाव दलीय आधार पर होने की संभावना नहीं के बराबर है क्योंकि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है तथा इसको लेकर कई तकनीकी बाधाएं आ रही है सामने। अर्थात चुनाव दलीय नहीं बल्कि निर्दलीय होने की पूरी संभावना।
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क