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नहीं सुलझ पा रही है सीट बंटवारे में महागठबंधन की पेंच, कहीं पुराने इतिहास को फिर वापस लाने की कोशिश तो नहीं ?
 

10/21/2025 12:27:49 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की पेंच सुलझने का नाम नहीं ले रही है। इस पेंच का मुख्य कारण कांग्रेस की मनमानी अब तक सामने आई है।  विदित हो कि महागठबंधन को बनाने में भी कभी कांग्रेस की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। वर्तमान महागठबंधन मे नैतिक मूल्यों का निरादर कर उसे तोड़ने का भी जिम्मा कांग्रेस ने ही उठा ली है अर्थात यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं की महागठबंधन  में महत्वपूर्ण भूमिका कांग्रेस की ही है। नामांकन के बाद भी महागठबंधन की सीट बंटवारे पर 14 सीटों की स्थिति यह है कि कांग्रेस ने महा गठबंधन के सिद्धांतों के खिलाफ घटक दलों के समांतर अपना प्रत्याशी खड़ाकर गठबंधन को तार तार कर दी है।  दूसरी ओर चर्चा है कि न्यायालय भी चुनाव के दिनों मे मनो तेजस्वी यादव के पीछे हीं पड़ गई है। हाल में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का नया मामला उन पर सामने आया है। कोयलांचल लाइव के सर्वे से अनुमान है कि  ऐसी स्थिति में हो सकता है चुनाव के पूर्व या उस दौरान उनकी गिरफ्तारी हो जाय। अगर चुनाव से पहले उनकी गिरफ्तारी हो तो बोनस सहित उनको चुनाव में एनडीए के खिलाफ लाभ भी हो सकता है। अन्यथा पूर्व अनुमान के अनुसार इंडिया गठबंधन भरपूर नुकशान पड़ेगा और ऐसे में  महागठबंधन इस बार एनडीए से संभावित वाकओवर लेने की स्थिति में आ पहुंची है। दूसरी तरफ एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सब कुछ साफ हो चुका है और कुछ को छोड़कर सब एक साथ है। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में चिराग पासवान ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए मामले को सल्टा दिया है। ऐसा करके उन्होंने एक तीर से दो निशाना लगाया है पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में पूर्ववत बने रहने की स्थिति तथा आगे उसमे प्रमोशन पाने की मार्ग। दूसरा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की मदद से एक बड़ी पार्टी बनकर जगह बनाने की स्थिति में आ सकती है। वैसे जातिगत आधार पर जीतन राम माली और उपेंद्र कुशवाहा की स्थिति भी वैसी नहीं है कि वह चिराग पासवान को नुकसान पहुंचा सके उल्टे अगर बाजी  पलटी भी तो फायदा चिराग को ही होगा क्योंकि चिराग पासवान की पार्टी में उनका जातिगत वोट के अलावा कुछ उच्च वर्गीय व मध्यवर्गीय जाति की भी साथ है सीट बंटवारा में भी इसका पूरा खालवा ख्याल रखा गया है। इस प्रकार कांग्रेस पूर्व की भांति जातिगत आधार पर एक बार फिर से सुवर्ण  को टिकट देकर कांग्रेस की पुरानी इतिहास को वापस लाने की कोशिश की है ऐसा के हीं पार्टी के असंतुष्टों का आरोप है। 
 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क