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2024 लोकसभा में बीजेपी का मुद्दा -पसमांदा समुदाय :शुरू हुआ राजनीति का खेल ,मायावती ने क्या दी प्रतिक्रिया ?

30-06-2023

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
00 क्या है पसमांदा समुदाय?
00 मायावती ने क्या दी प्रतिक्रिया ??
00 बीजेपी का चुनावी रणनीति में खास तौर पर पसमांदा मुसलमानों पर फोकस
Edited by -Doli kumari 
 
नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम के दौरान पसमांदा मुसलमानों का मुद्दा उठाया। जिसके बाद से ही राजनैतिक गलयारों में बयानबाजी भी शुरू हो गई है। पीएम मोदी के इस बयान पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा की  "पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है."
 
मायावती ने आगे कहा, "अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं."
 
आखिर कौन हैं पसमांदा मुसलमान? 
पसमांदा मूल रूप से फारसी शब्द से लिया गया है। इसका मतलब है की वो लोग जो पीछे छूट गए हैं, दबाए गए या सताए हुए हैं। भारत में रहने वाले मुसलमानों में 15 फीसदी उच्च वर्ग के माने जाते हैं। जिन्हें अशरफ कहते हैं। इनके अलावा बाकि 85 फीसदी अरजाल, अजलाफ मुस्लिम पिछड़े हैं। इन्हें पसमांदा कहा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पसमांदा मुसलमानों की हालत समाज में बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे मुसलमान आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक हर तरह से पिछड़े और दबे हुए हैं। 
कोयलांचल लाइव डेस्क