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झारखंड में घुसपैठ से बदली डेमोग्राफी, बढ़े मदरसे, आदिवासी लड़कियों से बांग्लादेशी कर रहे है शादी

7/17/2024 6:29:27 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Ranchi :झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने ही वाली है। इसके साथ ही अब मुद्दों की तलाश शुरू हो गई है। रोजगार, महंगाई, आदिवासियों के हित के साथ अब राज्य में घुसपैठ का मुद्दा बड़ा बनता जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में झारखंड हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का आदेश दिया है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट का आदेश आया। हाईकोर्ट ने संथाल परगना के सभी छह जिलों के डिप्टी कमिशनर को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता ने कहा था कि घुसपैठ की वजह से ट्राइबल आबादी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका में घुसपैठ हुआ है। घुसपैठिए जनजातीय समुदाय से आने वाली लड़कियों से शादी कर डेमोग्राफी को प्रभावित कर रहे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को होनी है। वहीं बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा भी बना रही है। बीजेपी की तरफ से झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है। कई बूथों पर पांच सालों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 15 से 17 प्रतिशत तक बढ़ी है। बीजेपी आरोप लगा रही है तो आंकड़ों के जरिए जानते हैं कि हकीकत क्या है। 1951 के मुकाबले साल 2011 में झारखंड में आदिवासियों की आबादी 16 प्रतिशत कम हुई। ये 44 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत रह गई। पाकुड़ में 10 साल में मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत बढ़ी। साहिबगंज में 10 साल में मुस्लिम आबादी 37 प्रतिशत बढ़ी। इन दो जिलों में ही मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा बढ़ी है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में जमीन दलालों की बड़ी भूमिका बतायी जा रही है। बांग्लादेश बॉर्डर करीब होने की वजह से कई ऐसे प्वाइंट हैं, जहां से बंगाल होते हुए झारखंड में दाखिल हुआ जा सकता है। पाकुड़ जिला बंग्लादेश बॉर्डर से सबसे करीब पड़ता है। हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद उम्मीद है कि घुसपैठ पर रोक लगेगी।
 
 
रांची से कोयलांचल लाइव के लिए एन तिवारी की रिपोर्ट