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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खनन रॉयल्टी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा... 

8/16/2024 4:53:47 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Ranchi : झारखंड राज्य में काफी लंबे समय से चली आ रही जीएसटी एवं रॉयल्टी राशि का बकाया अब राज्य को मिलने वाला है।  इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने केंद्र सरकार पर झारखंड के बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया के माध्यम से खुशी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आए निर्णय के बाद मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि अब झारखंड को उनका वास्तविक अधिकार मिलने जा रहा है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि हम अपना हक और अधिकार लेना जानते हैं। जैसे हमने झारखंड लड़ के लिया है,वैसे ही अपना हक और अधिकार भी लड़ कर लेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हम सम्मान करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की जनता के हित में फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि राज्य सरकारें अब 1 अप्रैल 2005 के बाद से केंद्र और खनन कंपनियों से पिछला बकाया वसूल सकेंगे। खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों के पास ही रहेगा।  सुप्रीम कोर्ट से केंद्र और माइनिंग कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। 9 जजों की संविधान पीठ ने खनिज अधिकारों और खनिज वाली भूमि पर टैक्स लगाने के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। वहीं इस बकाया राशि पर आए निर्णय को लेकर झारखंड बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा है कि 2005 से ही बकाया है। जिसमे से 9 से 10 सालों तक कांग्रेस का शासन काल रहा है। यह निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन इसकी जिम्मेदार भाजपा नहीं कांग्रेस है। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समझना चाहिए। वहीं केंद्र के पास बकाये राशि को लेकर कांग्रेस प्रदेश महासचिव विनय सिन्हा उर्फ दीपू ने कहा कि 2005 से भले ही कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन भाजपा को भी अब 11 साल होने को है और ऐसे में केंद्र के पास जीएसटी एवं रॉयल्टी का पैसा बकाया रखना झारखंड के साथ बेईमानी थी और अब स्वागत योग्य निर्णय सुप्रीम कोर्ट से आया है। भले ही कई किस्तों में राशि आएगी लेकिन जो भी राशि आएगी उसे हम झारखंड की आदिवासी मूलवासी के विकास के लिए खर्च करेंगे। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क