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धनबाद कोयलांचल में एनडीए का पलड़ा इंडिया गठबंधन पर भारी ,किस करवट बैठेगा वि स चुनावी परिणाम का ऊंट ?

10/25/2024 4:11:58 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार चंपाई सोरेन का आना एनडीए की जीत में उत्प्रेरक की भूमिका निभायेगी ऐसा अनुमान है। चूंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सत्ता से वंचित रहने की मूल वजह की भरपाई कर ली गई है।  कोल्हान की सीट चंपाई सोरेन के कारण इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं जा पाएगा जो एनडीए गठबंधन को पछाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार एनडीए गठबंधन की चांदी इसलिए भी रहेगी क्योंकि आजसू के मार्फत वह पहले से महत्वपूर्ण कुर्मी वोट पर नजर लगाई हुई है जो उसे इस बार फिर से प्राप्त हो जाएंगे। जहां तक झारखंड की भूमि पर एक नया चेहरा जयराम महतो की बात है तो उनकी पार्टी का बनना भाजपा के लिए वरदान साबित होगी ऐसा अनुमान है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जयराम महतो की पार्टी अगर व्यक्तिगत चुनाव लड़ी और गठबंधन में शामिल नहीं हुई तो इसका नुकसान भाजपा को नहीं बल्कि कांग्रेस और झामुमो को ज्यादा उठाना पड़ेगा। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है की जयराम महतो का व्यक्तिगत दल का नुकसान एनडीए गठबंधन को नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन को होगी। क्योंकि जमीन घोटाला का जो बदनामी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगा है और जिससे अभी पूरी तरह निजात भी नहीं मिली है उस बदनामी का खामियाजा निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को भोगना पड़ सकता है। ले देकर यह तय है कि इस बार विधानसभा चुनाव में झारखंड में एनडीए का पलड़ा इंडिया गठबंधन पर भारी है। हालांकि यह सब अब तक केवल अनुमान ही है। लेकिन चंपाई सोरेन का झामुमो से साथ छोड़ना इंडिया गठबंधन के लिए भारी पड़ेगा ऐसा अनुमान है।चुनाव की अंतिम दौर में हेमंत सरकार ने महिलाओं को लुभाने के लिए जो है मईया सम्मान योजना लायें है। वह झामुमो को चुनाव में जीताने के बजाय हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। झारखंड विधानसभा चुनाव में केंद्र की भाजपा सरकार ने इस बार पूरा बल लगा दी है। 2019 के चुनाव में बिछड़े हुए आदिवासियों का वोट एक बार फिर एनडीए गठबंधन की झोली में आना लगभग तय माना जा रहा है। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है की धनबाद कोयलांचल में कभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मार्क्सवादी समन्वय में समिति कामरेड एके राय की पार्टी के निरसा से विधायक रहने वाले अरुण चटर्जी अब भाकपा (माले) के साथ हो गए हैं। और यह कदम भी निरसा में भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकती है। बाघमारा में अब वह स्थिति जलेश्वर महतो की नहीं रही कि वह भाजपा के नए प्रत्याशी ढुल्लू महतो के बड़े भाई शत्रुघ्न महतो को नुकसान पहुंचा सके। अर्थात बाघमारा भी फिर से एनडीए की झोली में आने के संकेत हो रही  हैं। झरिया में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह के लिए भी इस बार मैदान जितना आसान नहीं होगा। क्योंकि झरिया में सिंह परिवार शुरू से ही अपना प्रभाव दिखाता रहा है। दूसरी तरफ धनबाद कोयलांचल में झरिया की जनता की स्वाद लंबे समय से अब कांग्रेसी में नहीं रही जिसके कारण झरिया की जनता चाह कर भी पूर्णिमा नीरज सिंह को इस बार जीताने से रही ऐसा अनुमान  है। इस प्रकार इस बार धनबाद कोयलांचल में एक बार फिर एनडीए का गठबंधन इंडिया पर हावी रहने का अनुमान है।
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क