Date: 15/09/2025 Monday ABOUT US ADVERTISE WITH US Contact Us

सोशल मीडिया हुआ बैन, सरकार के खिलाफ लाखो लड़के और लड़कियां रोड पर उतरी

9/8/2025 12:07:21 PM IST

87
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Delhi : नेपाल सरकार ने उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई सात दिन की समयसीमा का पालन नहीं किया. इसके लिए सरकार ने नेपाल टेलीकॉम को इन प्लेटफॉर्म्स को डी-एक्टिवेट करने के लिए पत्र भेजा था. नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. हजारों की संख्या में Gen-Z लड़के और लड़कियां सड़कों पर उतर आए है. प्रदर्शनकारी नेपाल के संसद परिसर में घुस गए. इसे देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की. ये प्रदर्शनकारी नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इसके मद्देनजर काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. नेपाल में सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन में मौत का आंकड़ा बढ़कर 16 पहुंच चुका है. घायलों की संख्या भी 100 के पार पहुंच गई है. संसद भवन के बाहर गोलीबारी जारी है. अब तक 35 प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हो गए हैं. पोखरा और इटहरी में भी गोली चलने की खबर है. पोखरा में गंडकी प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर भी पथराव हुआ है.
क्या है पूरा मामला। 
नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण देश में जनरल जेड यानी युवा पीढ़ी के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सरकार ने सुरक्षा और नियमों के उल्लंघन के हवाले से फेसबुक, ट्विटर (अब X), यूट्यूब, व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया, लेकिन इस कदम ने जनता विशेषकर युवाओं में भारी नाराजगी और असंतोष को जन्म दिया। युवा पीढ़ी, जिसे सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर आवाज उठाने की आदत है, इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रही है। नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई बड़े शहरों में यह प्रदर्शन व्यापक रूप ले चुका है, जिसमें हजारों युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। Gen Z के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स उनके लिए केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि विचार साझा करने, सामाजिक समस्याओं को उजागर करने और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने का प्रमुख माध्यम हैं। प्रदर्शन के दौरान युवा अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का उपयोग करते हुए डिजिटल विरोध प्रदर्शन, हैशटैग अभियान और ऑनलाइन petitions भी चला रहे हैं। सरकार के इस कदम से जहां व्यापक असंतोष पैदा हुआ है, वहीं युवा यह संदेश देना चाहते हैं कि भविष्य की पीढ़ी अपनी आवाज को दबाए जाने नहीं देगी और लोकतांत्रिक और डिजिटल स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी। इस पूरे आंदोलन ने नेपाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है, क्योंकि युवा शक्ति अब सिर्फ मनोरंजन या संवाद के लिए नहीं, बल्कि अपने अधिकारों और विचारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरी है।
 
कोयलांचल लाइव डेस्क