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लाल किला धमाका :प्यार में ऐसा पड़ी, भूली सब कुछ,डॉक्टर शाहीन जैश की महिला शाखा से जुड़ी बताई गईं

11/12/2025 11:12:50 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Lal Qila Car Blast: दिल्ली धमाके से पूरा देश दहल उठा है. लाल किले के पास हुए जोरदार धमाके ने 10 जिंदगियां छीन लीं. 20 लोग घायल हुए हैं. वहीं, इस दर्दनाक हादसे के जितने भी चश्मदीद हैं, उनकी आंखों में अभी तक इस मंजर का डर बरकरार है. शायद ही वो इस काली रात को कभी न भूलें. मामले में 8 गिरफ्तारियां हुई हैं. मगर सबसे ज्यादा इस वक्त चर्चा में है डॉक्टर शाहीन शाहिद. जांच एजेंसियों का दावा है कि डॉ. शाहीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला इकाई जमात-उल-मोमिनात का हिस्सा है. उसकी जिंदगी काफी विवादों में रही है. खुद पति ने भी उसका काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। 
 
कुछ वक्त पहले पाकिस्तान में बैठे आतंकी मसूद अजहर का ऑडियो वायरल हुआ था. उसमें उसने जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग जमात-उल-मोमिनात को बनाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि ये वही महिला विंग है जिसकी भारत में कमान डॉक्टर शाहीन को सौंपी गई थी. वो दिल्ली हमले से पहले लगातार मसूद की बहन सादिया अजहर के कॉन्टैक्ट में थी. इस संगठन की अगुवाई पाकिस्तान में मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर ही कर रही है. सादिया का पति यूसुफ अजहर खुद 1999 के कंधार भी हाईजैक मामले में एक प्रमुख मास्टरमाइंड था. यूसुफ इसी साल मई में पाकिस्तान के बहावलपुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया था। 
 
सादिया के कहे अनुसार डॉक्टर शाहीन भारत में जैश की महिला विंग बना रही थी. इससे पहले भी डॉक्टर शाहीन खूब विवादों में रही है. लखनऊ की रहने वाली शाहीन ने मुंबई के डॉक्टर जफर हयात से निकाह किया था. बताया जा रहा है कि उसके बच्चे भी हैं. हालांकि, उनके बारे में सटीक जानकारी अभी सामने नहीं आई है.
 
मुंबई से आई फरीदाबाद
 
पुलिस ने बताया कि डॉ. शाहीन और जफर हयात की शादी लंबी नहीं चली और दोनों 2015 में अलग हो गए. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तलाक का कारण डॉ. शाहीन का डॉ. मुजम्मिल के साथ अफेयर था. तलाक के बाद शाहीन हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ गई थी. यहीं पर डॉ. मुजम्मिल भी काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि संभावना है कि इस दौरान डॉ. शाहीन सईद किसी विशेष विचारधारा के प्रभाव में आ गई.
 
नौकरी, गायब होना फिर ज्वानिंग की इच्छा
 
जांच में सामने आया है कि डॉक्टर शाहीन कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में सात साल तक प्रोफेसर रही. सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन का चयन यूपीपीएससी के माध्यम से प्रवक्ता पद पर हुआ था. वह 2006 में मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलोजी विभाग में बतौर प्रोफेसर जॉइन किया. सितंबर 2009 में उसका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज कर दिया गया थ. हालांकि मार्च 2010 में वह दोबारा कानपुर आ गई.
 
सूत्रों के मुताबिक, उसका विवाद साथी प्रोफेसर से हुआ था, इसलिए उसका तबादला किया गया था. कन्नौज से आने के बाद डॉ. शाहीन मार्च 2010 से 2013 तक यहां रही. फिर एक दिन अचानक बिना किसी को जानकारी दिए वो गायब हो गई. कॉलेज प्रबंधन ने उसका पता लगाने के लिए बहुत प्रयास किया. उसके लखनऊ के पते पर पत्राचार भी किया गया, लेकिन एक बार भी किसी पत्र का कोई जवाब नहीं आया. फिर 2020 में उसने कॉलेज और शासन को पत्राचार करके फिर से जॉइन करने की इच्छा जताई. हालांकि उस वक्त भी वो खुद सामने नहीं आई सिर्फ पत्र से ही बात रखी थी.
 
शासन ने कर दिया था बर्खास्त
 
मगर सात साल तक गायब रहने समेत तमाम सवालों का जवाब नहीं देने पर 2021 में शासन ने उसे बर्खास्त कर दिया था. शाहीन के स्वभाव के बारे में बताया जाता है कि वो अक्सर शांत ही रहती थी. वो हमेशा छुट्टी लेती रहती थी. कभी बीमारी तो कभी परिवारिक कारणों से अवकाश पर रहती थी। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क