Ara : बिहार में नीतीश कुमार के जातीय जनगणना का विरोध होना शुरू हो गया है. विरोध करने वाले सवर्ण जाति के नहीं होकर पिछड़ी जाति के ही हैं. 4 अक्टूबर को कुशवाहा समाज ने आरा के त्रिभुआणि कोठी मोड़ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. पुतला फूंकने का वजह ये रहा कि जातीय जनगणना में कुशवाहा जाति की संख्या कम दिखाया गया है. इसे लेकर कुशवाहा समाज में नीतीश कुमार के प्रति रोष व्याप्त है.
पुतला फूंकने आए रोहित कुशवाहा ने कहा कि कुशवाहा समाज की संख्या 1931 में 4.1 थी. वहीं 2023 के जातीय जनगणा में कुशवाहा समाज के लोगों की संख्या सिर्फ 4.21 दिखाया गया है. नीतीश कुमार के जातीय जनगणना से कुशवाहा समाज में आक्रोश है. इस समाज ने आगामी चुनाव में नीतीश कुमार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है.
रोहित ने कहा कि बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 200 विधानसभा क्षेत्रों में कुशवाहा वोटरों की संख्या 25 से 30 हजार है. 63 विधानसभा क्षेत्र कुशवाहा बहुल है. बावजूद इसके कुशवाहा समाज की संख्या साजिश के तहत सिर्फ 4.21%दिखाई गई है.
उन्होंने कहा कि जदयू में कुशवाहा समाज के नेता अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगे हैं. इन नेताओं को कुशवाहा समाज ने पहचान लिया है. आने वाले समय में इन नेताओं को अपनी ही बिरादरी के लोग सबक सिखाएंगे. रोहित कुशवाहा ने नीतीश कुमार से जातीय जनगणना लिस्ट बूथ स्तर पर जारी करने की मांग की. मौके पर जागा कुशवाहा, राजेश कुशवाहा, पंकज कुशवाहा, ललन कुशवाहा, सतरोहन कुशवाहा, दुर्गावती कुशवाहा, विनय कुशवाहा, मंजीत कुशवाहा, नीतीश कुशवाहा समेत कुशवाहा समाज के सैकड़ों लोग शामिल थे.
कोयलांचल लाइव डेस्क
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