Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सरदार पटेल भवन में अत्याधुनिक राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के शिलापट्ट का अनावरण किया. इसके अलावा उन्होंने निर्णय समर्थन प्रणाली का रिमोट के जरिए शुरुआत भी की. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस केंद्र में अत्याधुनिक व्यवस्था है. अब एक साथ त्वरित सूचना का आदान-प्रदान हो सकेगा. वहीं निर्णय समर्थन प्रणाली की शुरुआत होने से आपदा काल में अंतर्विभागीय समन्वय करने में सहूलियत होगी.
इसके बाद मुख्यमंत्री बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय गए और निरीक्षण किया. इस दौरान बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा ने उन्हें प्रस्तुतीकरण के माध्यम प्राधिकरण के अद्यतन कार्यों की जानकारी दी. बताया कि अलर्टिंग डिवाइस की शुरुआत की जाएगी. खेत में कार्य करनेवाले मजदूर इस डिवाइस को अपने शरीर पर लगाएंगे. इस डिवाइस की खासियत यह है कि 30मिनट पहले उन्हें आपदा की सूचना मिलने लगेगी, जिससे वे सतर्क हो जाएंगे. यह डिवाइस शरीर की ऊर्जा से ही चार्ज होगा.
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यों की सराहना की तथा आपस में समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने इस्तेमाल किए जा रहे नए डिवाइस और तकनीक के बारे में लोगों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया.
मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय,बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कौशल किशोर मिश्र, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव चंद्रशेखर सिंह समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
यहां से निकलने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2007से ही आपदा प्रबंधन को लेकर काम किया जा रहा है. उससे पूर्व आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कुछ नहीं होता था. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मैं केंद्रीय कृषि मंत्री था. उस समय अलग से आपदा प्रबंधन विभाग बना. मेरे निर्देश पर ही सरदार पटेल भवन में आपदा प्रबंधन कार्य शुरू हुआ.
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि एनडीए के समर्थन से सरकार बनाए जाने के बाद विधानसभा में बहुमत कब सिद्ध करेंगे. इस प्रश्न का उत्तर देकर उन्होंने कहा कि 10फरवरी को सदन में राज्यपाल का अभिभाषण होगा. उसी दिन बहुमत सिद्ध किया जाएगा. 12फरवरी से बजट सत्र चलेगा.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन पर चार्ज बहुत पहले से है. जांच होना स्वाभाविक है. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कहने पर आपने जातीय जनगणना करवाई. इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यह फालतू की बात है. 9पार्टियों की सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया था.
वहीं जब नीतीश कुमार से पत्रकारों ने पूछा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव कह रहे हैं कि हमारे 17महीने की सरकार उनके 17साल की सरकार पर भारी है. इस पर उन्होंने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं. पहले कितने लोगों को रोजगार मिलता था? पहले पढ़ाई का स्तर क्या था? वर्ष 2005से पहले बिहार के हालात क्या था?राजद के शासन काल में लोगों ने शाम के वक्त घर से निकलना बंद कर दिया था. जब मैं मुख्यमंत्री बना तो विकास कार्य शुरू किया. बड़े भवनों का निर्माण कार्य कराया. लोगों को इलाज के लिए व्यवस्थाएं की. सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कार्य शुरू हुआ. गांवों में पक्की गली और नाली का निर्माण करवाया.
वहीं इंडिया' गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं किसी दूसरे नाम का पक्षधर था, लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई. वे लोग अपने मन से नाम रख दिए. गठबंधन में मेरे कहने पर कोई काम नहीं हो रहा था. गठबंधन की हालत से आप सभी वाकिफ हैं. आज तक सीटों को लेकर फैसला नहीं हो पाया. कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इन सब पर कोई चर्चा नहीं है. आरिज होकर मैंने गठबंधन छोड़ने का फैसला लिया. अब एनडीए के साथ ही लंबी पारी खेलनी है. मेरी प्राथमिकता विकास कार्य है.
कोयलांचल लाइव डेस्क
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