Bokaro : मात्र एक हजार रुपए लेकर घर से निकले और पहुंच गए मुंबई. वहां कठिन संघर्ष कर बॉलीवुड में झंडे गाड़ दिए. एक के बाद एक कई फिल्में मिली. सभी फिल्मों में अभिनय का छाप छोड़ा. फिल्मों के अलावा कई टीवी सीरियल और एड फिल्मों में भी काम किया. ये कहानी है बोकारो जिले के चंदनकियारी जैसे सुदूर गांव के निवासी जनार्दन झा की. इन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक द एंटोल्ड स्टोरी से सहायक कलाकार के तौर पर एक्टिंग की शुरुआत की. एक बार अभिनय का सफर शुरू हुआ तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.
अभिनय की शुरुआत करते समय इनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, फिर भी इन्होंने एक्टिंग को ही कैरियर बनाना चुना. घरवालों ने कहीं नौकरी कर लेने का दबाव बनाया, फिर भी वे अपने धुन में लगे रहे. मुंबई जाकर संघर्ष करना मुनासिब समझा.
चंदनकियारी के सुदूर गांव से निकलकर मुंबई जैसे चकाचौंध से भरा शहर में उन्हें कोई नहीं जानता था. कोई रिश्तेदार भी वहां नहीं रहते थे. घर से सिर्फ एक हजार रुपए लेकर रवाना हुए. 500 रुपए ट्रेन किराया में खर्च हो गया और 500 रुपए खाने पीने में. मुंबई पहुंचने पर फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष का सिलसिला शुरू हुआ. संघर्ष रंग लाया और धीरे-धीरे काम मिलने लगा. आज की तारीख में वे सफल एक्टर के रूप में लोगों के सामने हैं. उनकी सफलता पर बोकारो समेत झारखंड को गर्व है. अब तक वे 15 फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. इसके अलावा 20 सीरियल,15 वेब सीरीज और 60 एड फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. इनकी आनेवाली फिल्में हें सेक्टर-36, द ग्रेट सुल्ताना,मिशन ऑफ मराठा और केशरी वीर.
जनार्दन झा ने अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना,सुशांत सिंह राजपूत, रजा मुराद, रणवीर सिंह, रणवीर कपूर,अनुपम खेर,माधुरी दीक्षित, सुष्मिता सेन, आलिया भट्ट समेत अन्य दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. इसके अलावा उन्हें मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी हार्दिक पांड्या, विराट कोहली और केएल राहुल के साथ भी काम करने का मौका मिला.
जनार्दन झा ने बताया कि झारखंड में फिल्म निर्माण की अपार संभावना है. यहां की वादियां भी नैनीताल और कश्मीर की तरह हरा भरा है. नेतरहाट, हुंडरू फॉल, रामगढ़ की चुटुपाली घाटी और बोकारो के झूमरा समेत अन्य कई पर्यटन स्थल हैं, जहां फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है. यहां बॉलीवुड के तर्ज पर झालीवुड को बढ़ावा दिया जा सकता है. मुंबई में फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष कर रहे झारखंड के कलाकारों को उन्होंने संदेश दिया कि संघर्ष करने से कभी हार नहीं मानें. संघर्ष के बल पर मुकाम हासिल किया जा सकता है. लगातार कोशिश करते रहें. एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी.
बोकारो से कोयलांचल लाइव के लिए नरेश कुमार की रिपोर्ट
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