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बिहार के युवा किसान सिंघाड़ा की खेती करके कर रहे अच्छी कमाई  

11/5/2024 11:17:14 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Jahanabad : भारत एक कृषि प्रधान देश है,यहां तरह-तरह की खेती की जाती है। आपने जमीन पर कई तरह की खेती करते हुए किसानों को देखा होगा, लेकिन पानी में भी खेती के कई ऑप्शन खुले हुए हैं‌। यदि आप नवीनतम खेती की ओर रुख करते हैं तो बारिश के जमे पानी में भी बेकार पड़ी जगह को इस्तेमाल कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसमें आप पानी फल यानी सिंघाड़ा की खेती कर सकते हैं। इसमें कम समय और कम मेहनत में अच्छा बचत कर सकते हैं। जहां जहानाबाद जिले में भी सिंघाड़ा की खेती कुछ किसान कर रहे हैं। जिले के काको प्रखंड स्थित अमथुआ गांव के कई किसान पानी फल की खेती कर रहे हैं‌। यहां 25 साल के युवा किसान नवीन अपने पिताजी के सहयोग से पानी फल यानी सिंघाड़ा की खेती अपने 2 बीघा जमीन पर खेती कर रहे हैं। वे बताते हैं कि हम इसकी खेती करने के लिए पटना से पहले बीज लाते हैं। जिसके बाद इस बीज की बुआई करते हैं। सिंघाड़ा की बुआई अगस्त माह में करते हैं‌ वहीं, इसमें फलन की शुरुआत नवंबर से होती है,जिसके एक माह तक यह फल टूटता है। 4 से 5 महीने में पूरी तरह से तैयार हो जाता है। छठ के समय में इसकी मांग खूब रहती है। जिसपर युवा किसान नवीन कहते हैं कि इसकी बुआई से लेकर दवाई में कुल 20000 से 25000 हजार रुपए खर्च आता है। यदि इसे आप आप दो बीघा में करें तो वहीं, फायदे की बात की जाए तो 50000 से 60000 रुपए की शुद्ध कमाई हो जाती है। कभी कभी ज्यादा भी हो जाता है। इसकी सप्लाई करने के लिए हमें बाहर न के बराबर जाना पड़ता है।खुद व्यापारी हमारे खेत पर ही आकर ले जाते हैं। हमारे यहां से जहानाबाद, हुलासगंज, इस्लामपुर लोकल मार्केट में जाता है‌ इसके अलावा बात करें तो छठ महापर्व में व्यापक तरीके से इसकी सेलिंग होती है। ऐसे में देखा जाए तो इस फसल से कम समय में ठीक ठाक कमाई हो जाती है।
 
जहानाबाद से कोयलांचल लाइव के लिए पंकज कुमार की रिपोर्ट