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क्या फिर टूटने की कगार पर बिहार,पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाई मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग ?

11/27/2024 11:12:07 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजद ने बिहार से अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर एक नया पैतरा आजमाया है। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आज सदन में बिहार को तोड़कर अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को उठाया है। वही मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर राबड़ी देवी ने सदन में कहा कि वह लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को बधाई दे रहे थे कि मैथिली भाषा शामिल हुआ है। ठीक है,हम भी खुश हैं,यह शामिल होना भी चाहिए,लेकिन इसके साथ मिथिला राज्य भी बनाना चाहिए। आपको बता दें कि मिथिला क्षेत्र उत्तर बिहार का इलाका है,जहां मैथिली भाषा बोली जाती है। साथ ही यहां के लोग लंबे समय से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। और ऐसी मांग पहली बार नहीं उठी है,अगर इतिहास को खंगाला जाए तो मिथिला राज्य बनाने की मांग पहली बार वर्ष 1912 में की गई थी। इसके बाद दोबारा 1921 में महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा मांग की गई,लेकिन पहली बार मिथिला राज्य बनाने के लिए आंदोलन वर्ष 1952 में हुआ था। जिसके बाद यह मामला बार-बार तूल पकड़ता रहा है। जबकि करीब दो वर्ष पूर्व   मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी इस मांग को लेकर आंदोलन किया गया था। यह पहली बार था जब मिथिलांचल राज्य के आंदोलन में दिल्ली में इतना बड़ा आंदोलन हुआ हो। साथ ही इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा भी शामिल हुए थे। अगर मैथिली भाषी लोगों की संख्याबल की बात की जाय तो 7 करोड़ से अधिक लोगों का अस्तित्व इससे जुड़ा हुआ है। मैथली भाषा भी संविधान के अष्टम अनुसूची में दर्ज है। वहीं इस मामले पर मिथिलांचल वासियों का कहना है कि कोई भी सरकार की ओर से योजना-परियोजना आती है तो उसको मगध में दे दिया जाता है। साथ ही मिथिलांचल में जो विकास के कार्य होने चाहिए,वह भी नहीं हो रहा है। मिथिलांचल पहले जैसा था,अब भी वैसा ही है,जबकि बाकी दुनिया हमसे कही आगे चल रही है। 
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क