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सांसद ढुल्लू कहीं झारखंड में एनडीए के आपसी तालमेल में खलल तो नहीं डाल रहे हैं ?
 
आगामी चुनाव से पहले ही भाजपा की नई अंतर्कलह सामने 

6/26/2025 3:47:30 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : धनबाद के संसद ढुल्लू महतो कहीं झारखंड में एनडीए के आपसी तालमेल में खलल तो नहीं डाल रहे हैं ? राजनीतिक स्पर्धा में मौजूदा दौर में जहां लोग बेहतर करने पर उतारू हो ऐसे समय में गिरिडीह सांसद के साथ उलझ कर सांसद ढुल्लू आखिर क्या दिखाना चाहते हैं और इससे किसका फायदा हो रहा है किसका नुकसान यह मंथन का विषय है। संबंधित विषय पर राष्ट्रीय दल भाजपा को गंभीरता से विचार करना चाहिए वैसे सांसद ढुलू चुनाव लड़ने से पहले ही धनबाद के लिए विवाद का प्रत्याशी बने हुए थे जिसके चलते स्पर्धा वाली कांग्रेस विभिन्न प्रकार से उन्हें शिकस्त देने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ा ।लेकिन भाजपा प्रत्याशी रहने के कारण ढुल्लू महतो न केवल चुनाव जीत गए बल्कि विधानसभा में भी अपने अनुज शत्रुघ्न महतो को चुनाव जीता दिया। ऐसे में पार्टी के नजर में उनकी छवि कुछ बेहतर जरूर हुई लेकिन अभी जो वह कर रहे हैं यह कार्यशैली भाजपा के विरुद्ध जा रहा है और इससे भाजपा को नुकसान ही नुकसान है  । लोकसभा और विधानसभा चुनाव में धक्का पहुंचाने के बाद भी भाजपा को अब तक ठोस तरीके से सबक नहीं मिल पाई है। चंद्र प्रकाश चौधरी की भी राजनीति की राजनीतिक छवि कम से कम सांसद ढुल्लू से तो बेहतर जरूर है।उन पर रंगदारी और दबंगई का कोई बड़ा मुकदमा  अब तक नहीं है तथा गठबंधन को अब तक उनसे फायदा ही हुआ है। रही बात सांसद ढुल्लू की तो कोलियरी क्षेत्र में उनकी दबंगई अब तक रुकी नहीं तथा कोयले के क्षेत्र में कच्चा पक्का  धंधा अब तक जारी है या यूं कहे कि सांसद बनने के बाद अब उसे और मजबूती मिली है। वैसे एक बात तय है की सांसद ढुल्लू के  इस कार्य शैली से झारखंड में विशेष रूप से धनबाद कोयलांचल क्षेत्र में गठबंधन को झटका पहुंच रहा है और इसका दूरगामी परिणाम अच्छा नहीं भी हो सकता है। पार्टी की सेहत के लिए इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है और कहीं इसका दूरगामी परिणाम आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए नुकसान देह न  बन जाय । पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भविष्य में चुनाव के नजरिए से इस मामले में भी गंभीरता से चिंतन करना चाहिए क्योंकि आगामी चुनाव पर इसका स्वाभाविक रूप से असर पड़ेगा। इस मामले को लेकर धनबाद कोय लांचल में भाजपा के बीच अंर्तकलह की नई  स्थिति उत्पन्न होने लगी है। और यह एनडीए के लिए धनबाद में अच्छा संकेत नहीं है इसलिए इसलिए समय रहते पार्टी को इस पर विचार करना चाहिए क्योंकि "तब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत" अर्थात आगामी चुनाव में पटकनीय मिलने के बाद इस पर विचार करके ही क्या होगा अर्थात " समय पाय तरुवर फले केतो सींचौ  नीर " कविता के इस पंक्ति पर भी यहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है ।
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क