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सनातन आस्था के प्रतीक गया जी विष्णुपद मंदिर में पितृपक्ष मेला आरंभ
9/7/2025 2:42:45 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edit by umesh tiwary .
Gya jee :
किसी भी प्राणी का पूरी पृथ्वी पर मृत्युपरांत मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाला एकमात्र भूमि है बिहार का गयाजी। जहां इस धरा पर रहने वाले किसी भी प्राणी का मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए धर्म ग्रंथ एवं वायु पुराण सहित सनातन में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गया जी किसी कुंभ से काम नहीं महत्व रखता है। गया जी विष्णुपद मंदिर के ठीक सटे अतः सलिला पवित्र फल्गु तट पर अश्विन बस के कृष्ण पक्ष में एक पखवाड़े तक चलने वाला पितृपक्ष मेला आरंभ हो चुका है। इस मेले में विश्व भर के सनातन परंपरा में आस्था रखने वाले हिंदुओं के लिए यह पखवाड़ा अत्यंत महत्व रखता है। इस पृथ्वी पर मृत्यु शाश्वत सत्य है। परंतु मृत्युपरांत पूरे 15 दिनों तक मृत्यु के कारणों के हिसाब से कुल 17 दिनों तक पिंडदान करने का विधान है। 17 दिनों तक पिंडदान एवं श्राद्ध कर्म करने के लिए गया जी में कुल 56 वेदिया है। जिम प्रमुख विष्णुपद वेदी, कागबली वेदी,अक्षयवट वेदी, गृत्य कुल्या वेदी मधु कुल्या वेदी, धर्मारंय वेदी , गया कूप वेदी, बोधगया वेदी सहित कई वाडिया हैं ऐसी मान्यता है की गया जी में कल 360 वीडिया थी लेकिन समय के साथ अतिक्रमण का शिकार होते होते अब मात्र 56 वेदियाँ ही बच गई है , जहां वर्तमान में पिंडदान किए जाते है। सनातन मान्यता के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में इन 15 दिनों तक काल कलवित भटकती आत्माएं गया जी की धरती पर आ जाते हैं और अपने वंशज से मुक्ति के लिए तर्पण और पिंडदान का आस रखते हैं। नारायण शब्द सेवा आश्रम के पंडा पुरोहित दीपू जी भैया बताते हैं कि पिंडदान एवं तर्पण के लिए माता-पिता के जीवित रहते भी श्राद्ध किया जा सकता है। दीपू जी भैया का मानना है कि पुत्र में जेष्ठ अथवा कनिष्ठ पुत्र को पिंडदान एवं तर्पण का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वैदिक मत के मुताबिक गयापाल ब्राह्मण से ही पिंडदान करवाने से पूर्वजों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। ऑनलाइन पिंडदान एवं तर्पण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नारायण शब्द सेवा आश्रम के संस्थापक पुरोहित दीपू जी भैया बताते हैं कि अगर व्यक्ति मरणासन्न अथवा अक्षम हो तो ऐसी स्थिति में ऑनलाइन पिंडदान करना चाहिए अन्यथा ऑनलाइन पिंडदान से परहेज करना चाहिए। पूरे एक पखवाड़े तक चलने वाले मुक्तिधाम गयाजी में आयोजित पितृपक्ष मेला के लिए प्रशासनिक स्तर से मुकम्मल व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा कराई गई है। क्योंकि पितृपक्ष मेला राजकीय मेला है। ऐसी स्थिति में प्रशासन पूरी जिम्मेवारी के साथ हर बिंदु पर ध्यान रखते हुए गयाजी की छवि बेहतर बाहर से आने वाले पिंड दानी लेकर जाएं, इस दृष्टिकोण से प्रशासन ने तैयारी कर रखी है। पंडा समाज को जिला प्रशासन ने परिचय पत्र जारी किया है, ताकि कोई भी नकली पंडा बनाकर यात्री को ना ठग सके। पुलिस की चप्पा चप्पा पर तैनाती की गई है। सभी पुलिसकर्मी सेवा भाव से देश-विदेश से आने वाले पितृ तीर्थ यात्रियों के लिए पलक पावाड़े बिछा रखे हैं।
गया जी से कोयलांचल लाइव के लिए मनोज कुमार की रिपोर्ट
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