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जिला स्तरीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण से संबंधित सीएचओ का रिओरिएंटशन प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

10/7/2025 3:01:51 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Devghar : सिविल सर्जन डाॅ० जुगल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में तथा जिला भीबीडी पदाधिकारी डाॅ० अभय कुमार यादव, डाॅ० बिजीत विश्वास, एम्स, देवघर, डाॅ० गणेश कुमार यादव, जिला भीबीडी सलाहकार, देवघर की उपस्थिति में सिविल सर्जन सभागार, देवघर में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानीज इंसेफेलाइटीस (दिमागी बुखार-जेई तथा एईएस) तथा कालाजार नियंत्रण पर जिला स्तरीय एक दिवसीय रिओरिएंटेशन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। 
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जिसमें जिले के सभी प्रखण्डों एवं शहरी क्षेत्रों से कुल 40 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओ) ने हिस्सा लिया। इस दौरान सिविल सर्जन में सभी सीएचओ को संबोधित करते हुए निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत गांव में वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण हेतु नियमित रूप से सर्विलेंस करेंगे और जांच के उपरांत पाएं गये धनात्मक रोगियों का पूर्ण रूप से इलाज सुनिश्चित करेंगे। साथ ही इस प्रोग्राम का आधार 'ईडीसीटी' अर्थात अर्ली डायग्नोसिस एंड कंपलीट ट्रीटमेंट देंगे। रिओरिएंटेशन प्रशिक्षण डाॅ० अभय कुमार यादव-जिला भीबीडी पदाधिकारी, डाॅ० बिजीत विश्वास, एम्स, देवघर, डाॅ० गणेश कुमार यादव- जिला भीबीडी सलाहकार, देवघर द्वारा संयुक्त रूप से पीपीटी के माध्यम से दिया गया। जिसमें सभी वाहक जनित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के साथ इसके प्रसरण को रोकने के विभिन्न उपायों, इलाज, दवाओं की निर्दिष्ट खुराक, इंडीकेटर आदि की जानकारी के साथ एमएमडीपी किट, एमसीआर चप्पल आदि सुविधाओं को संबंधित रोगी तक पहुंचाने के बारे में बताया गया। आगे डाॅ० बिजीत द्वारा बताया गया कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफ़िलीज़ मच्छरों, फाइलेरिया बीमारी संक्रमित मादा क्यूलेक्स क्यूनक्यूफेसिएटस नामक मच्छरों, जापानीज इंसेफेलाइटीस एक वायरस जनित बीमारी है, जो संक्रमित मादा क्यूलेक्स ट्राईटेनिओरिन्कस एवं क्यूलेक्स विश्नौई नामक मच्छरों द्वारा तथा डेंगू-चिकनगुनिया संक्रमित मादा एडीज एजप्टी एवं एडीज एल्बोपिक्टस नामक मच्छरों द्वारा फैलता है, तथा कालाजार बीमारी संक्रमित बालू मक्खी के काटने से फैलती है। मच्छर प्रायः जमे हुए पानी में पनपती है। ऐसे मे बचाव एवं नियंत्रण के लिए बताया गया कि मच्छरों को पनपने और इसके काटने से स्वयं को बचाना सबसे सरल और आसान उपाय है। मच्छरदानी के अंदर सोना, पूरे बदन ढकने वाले कपड़े पहनने, सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनाने आदि जैसे सरल उपाय अपनाने के लिए एवं जनसमुदाय को प्रेरित करने के लिए बताया गया। बाकी सभी छ बीमारियों के लक्षण की त्वरित पहचान कर जांच करने हेतु बारीकियों तथा गंभीर स्थिति में नजदिकी स्वास्थ्य केन्द्र में भेजने हेतु बताया गया। साथ में कार्यक्रम के मापदंड के अनुसार ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से कृत कार्य का प्रतिवेदन भरने से संबंधित जानकारी भी दी गई। इस दौरान जिला एपीडेमियोलाॅजिस्ट, डाॅ० मनीश शेखर भी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में प्री एवं पोस्ट टेस्ट लेकर सभी का भीबीडी बीमारी के बारे में जानकारी का एसेसमेंट किया गया। जिसमें सबने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
 
कोयलांचल लाइव डेस्क