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अवैध अफीम की खेती पर नियंत्रण पर  “Pre-Cultivation Drive” को ले जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन
 

10/13/2025 4:21:51 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edit by umesh tiwary .
 
Sraykela  : अवैध अफीम की खेती पर नियंत्रण को लकेर सरायकेला-खरसावां प्रशासन 03 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2025 तक “Pre-Cultivation Drive” चला रही है। इसी क्रम में आज चांडिल प्रखंड के हेसाकोचा पंचायत सचिवालय में उपायुक्त नितिश कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत की उपस्थिति में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त  रीना हांसदा, अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल  विकास राय, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी  अविनाश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी चंडील, अंचल अधिकारी चंडील, थाना प्रभारी चौका, स्थानीय मुखिया, ग्राम प्रधान, मनकी–मुंडा एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपायुक्त  नितिश कुमार सिंह ने कहा कि अफीम की अवैध खेती न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह समाज, परिवार और विशेष रूप से युवाओं के भविष्य के लिए अत्यंत घातक है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अफीम जैसी अवैध खेती छोड़कर खरीफ–रबी फसलों, बागवानी एवं फल–सब्जी की वैकल्पिक खेती अपनाएं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण एवं योजनागत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य दंडात्मक कार्रवाई नहीं, बल्कि जागरूकता, आजीविका संवर्धन एवं सामाजिक सशक्तिकरण है।उपायुक्त ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि पंचायत स्तर पर जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है — परिवार एवं समाज के समग्र विकास के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
उन्होंने उपस्थित जनों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर उनका लाभ लेने हेतु प्रेरित किया।पुलिस अधीक्षक  मुकेश लुनायत ने अफीम की अवैध खेती से संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी खेती में संलिप्त पाए जाने पर 20 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। उन्होंने अवैध खेती के कारण होने वाले वित्तीय, सामाजिक एवं पारिवारिक नुकसान, तथा युवाओं के अपराध के रास्ते पर भटकने के दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने बताया कि विगत वर्ष प्रशासन द्वारा किए गए जनजागरूकता प्रयासों के परिणामस्वरूप कई किसानों ने स्वयं अपनी अफीम की अवैध खेती का विनष्टीकरण किया, जो सराहनीय एवं अनुकरणीय कदम है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अवैध अफीम की खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती अपनाएं और एक जागरूक नागरिक के रूप में अपने आस-पास के अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करें। इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों के बीच सरसो,  चना, मटर सहित अन्य वैकल्पिक फसलों (सब्जी) के बीजों का वितरण किया गया। साथ ही चयनित लाभुकों के बीच मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना, धोती-साड़ी वितरण योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) समेत विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
 
 
सरायकेला से कोयलांचल लाइव के लिए बसंत साहू की रिपोर्ट