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जतातरी एक ऐसा गांव जहां मूलभूत सुविधाओं का टोटा, "जनप्रतिनिधि कभी देखने नहीं आते"-ग्रामीण 

10/19/2025 4:04:05 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Munger :  बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच अब बात एक ऐसे गांव की, जो आज़ादी के इतने साल बाद भी विकास से कोसों दूर है। तारापुर विधानसभा क्षेत्र के हवेली खड़गपुर प्रखंड के रमनकाबाद पश्चिमी पंचायत स्थित जतातरी गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। चुनाव आते-जाते रहे, नेता वादे करते रहे लेकिन यहां की तस्वीर अब भी वैसी ही है। तारापुर विधानसभा के इस जतातरी गांव में करीब 150 आदिवासी परिवार रहते हैं। हर घर तक नल-जल योजना का कनेक्शन तो पहुँच गया, लेकिन पानी की एक बूंद अब तक नहीं आई। पूरे दो साल बीत चुके हैं। समरसेबल और चापाकल दोनों खराब पड़े हैं। लोगों को आज भी पानी के लिए दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा का हाल और भी बदतर है। गांव में न कोई स्वास्थ्य केंद्र है, न एम्बुलेंस की सुविधा। बीमारी या प्रसव की स्थिति में लोगों को 8 किलोमीटर दूर खड़गपुर जाना पड़ता है। कई बार रास्ते में ही मरीज की हालत बिगड़ जाती है। गांव के लोग आज भी खेती और जंगल से लकड़ी-पत्ता बेचकर अपना गुज़ारा करते हैं। सभी घर कच्चे हैं, और सरकारी आवास योजना का लाभ किसी को नहीं मिला। एक प्राथमिक स्कूल और एक आंगनवाड़ी केंद्र जरूर है । जहां बच्चे मिट्टी में खेलते-खेलते ही पढ़ाई करते हैं।
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 ग्रामीणों ने बताया कि "जनप्रतिनिधि कभी देखने नहीं आते। गांव में सड़क और बिजली तो पहुंचा हुआ है, पर गांव में पानी की कमी के कारण खेतों में सिंचाई नहीं हो पाता है । हमलोग सिर्फ वोट बैंक बन कर रह गए हैं। विकास की बात सिर्फ कागजों में होती है। हालांकि शिकायतों के बावजूद ग्रामीणों का कहना है कि वे अब भी वर्तमान सरकार से उम्मीद लगाए हुए हैं। लोगों का मानना है कि विकास का दावा करने वाले दलों को अब इस बार अपने वादों पर खरा उतरना होगा । जतातरी जैसे गांव चुनावी भाषणों में भले न दिखें, लेकिन असल विकास की तस्वीर यहीं से तय होती है। अब देखना होगा कि तारापुर की इस ज़मीन पर इस बार विकास के वादे कितने रंग लाते हैं।
 
मुंगेर से कोयलांचल लाइव के लिए मो .इम्तियाज़ खान की रिपोर्ट