Asansol : पश्चिम बंगाल में पुलिस उतना ही करती है जितना टीएमसी नेता करने को कहते है. ज्यादा उछल-कूद करने पर वर्दी छिनने की संभावना बनी रहती है. पुलिस का मलाल नहीं है कि टीएमसी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे. 4 अक्टूबर को आसनसोल में पुलिस ने सारी हदें पार करते हुए भाजपा की रैली को जबरन रोक दिया और भाजपा नेताओं से धक्का-मुक्की की. बाध्य होकर भाजपा नेता सड़क पर ही बैठ गए और राज्य सरकार और आसनसोल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
दरअसल आसनसोल में भाजपा की अपना माटी, अपना देश कार्यक्रम के तहत रैली का आयोजन किया था. रैली में पश्चिम बर्दवान जिला भाजपा के अध्यक्ष बप्पा चटर्जी, आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्रा पाल समेत शिल्पांचल के तमाम भाजपा नेता और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे. रैली को लेकर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी. आसनसोल दक्षिण थाने के निकट रैली पहुंचने पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की. भाजपा नेताओं ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने धक्का मुक्की की. इसके बाद अग्निमित्रा पाल और बप्पा चटर्जी की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और पुलिस एवं राज्य सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.
मौके पर अग्निमित्र पाल ने कहा कि रैली निकालने के लिए सात दिन पूर्व इजाजत ली गई थी. पुलिस ने जबरन रैली को रोक दिया. वहीं टीएमसी ने 4 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन करने के लिए सिर्फ एक दिन पहले 3 अक्टूबर को पुलिस से अनुमति मांगी थी. राज्य में टीएमसी की सरकार होने के नाते रैली की अनुमति प्रदान कर दी गई.
अग्निमित्रा ने पुलिस पर टीएमसी की गुलामी करने का आरोप लगाया. उन्होंने रैली रोके जाने पर आसनसोल दक्षिण थाना प्रभारी कौशिक कुंडू से जवाब तलब भी किया. अग्निमित्रा ने कहा कि जिस तरह से आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान किया जा रहा है वह निंदनीय है. प्रधानमंत्री किसी राज्य विशेष का नहीं होकर पूरे देश के होते हैं. आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने जिस तरह की कार्रवाई की है, उसकी शिकायत केंद्र सरकार से की जाएगी.
कोयलांचल लाइव डेस्क
सम्बंधित खबरें
ट्रेंडिंग न्यूज़