ASANSOL : 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी एसोसिएशन की दो मांगो में एक मांग को मान ली है. दूसरी मांग के लिए आंदोलन जारी रखा जाएगा. उक्त बातें आसनसोल के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने गोधूलि स्थित अपने आवासीय कार्यालय में पत्रकारों के समक्ष कही. कहा कि वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की घोषणा पर पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा (WBPCS)से हिंदी, उर्दू और संथाली भाषा को हटा दिया गया था.
उन्होंने कहा कि घोषणा के फौरन बाद भाजपा और लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी एसोसिएशन ने विरोध किया था. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने इस घोषणा का विरोध किया था. विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा में हिंदी, उर्दू तथा संथाली भाषा को फिर से शामिल किए जाने की घोषणा की है.
जितेंद्र तिवारी ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव से पहले इन तीन भाषाओं को हटाकर वोट लेने की कोशिश की गई थी. अब लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी, उर्दू और संथाली भाषी मतदाताओं के वोट हासिल करने के लिए एक बार फिर से इन तीन भाषाओं को शामिल किया गया है. बंगाल की जनता समझदार है तथा ममता बनर्जी की हर चाल को समझती है.
कोयलांचल लाइव डेस्क
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