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हड़ताल से धनबाद अस्पतालो की चिकित्सीय व्यवस्था चरमराई , गरीब परेशान, पैसा देकर भी समय पर इलाज नहीं
8/16/2024 4:33:11 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल धनबाद में हड़ताल को लेकर चिकित्सीय व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। एक महिला चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार करके उसकी हत्या कर देने के खिलाफ पश्चिमी बंगाल सरकार की उदासीनता के खिलाफ देशभर के चिकित्सक व चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी आंदोलित हैं। दूसरी तरफ पश्चिमी बंगाल सरकार मामले में मौन लगाई हुई है जिससे स्थिति बिगड़ती चली जा रही है। इस मामले को लेकर धनबाद में भी तनाव लगातार बढ़ती जा रही है इस मामले में दोषी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आंदोलन पूरी तरह से तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर आज सुबह में 9 बजे से ही एसएनएमसीएच धनबाद अस्पताल की चिकित्सीय सेवा ठप पड़ गई है। जबकि कल से आईएमए के आह्वान पर चिकित्सीय व्यवस्था ठप करने की चेतावनी है। झासा के समर्थन पर इसके तहत भी चिकित्सीय व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पाड़ना तय है। आईएमए की भी मांग है कि संबंधित मामले में दोषी को
अविलंब गिरफ्तार करके उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले को लेकर न केवल झारखंड बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी मेडिकल विभागों में काम बंद सेवा शुरू हो गई है। दूसरी तरफ इस मामले में संबंधित पुलिस जहां मौन है वही हड़ताल से बीमारियों को लेकर आम जनजीवन भी पूरी तरह से त्रस्त है। सरकारी अस्पतालों में सबसे बुरी स्थिति है। वजह यह है कि यहां आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की इलाज बिना किसी खर्च के हो जाया करती है। हड़ताल के कारण अब वह व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। स्थिति यह है की एसएनएमसीएच धनबाद की ओपीडी में प्रतिदिन 2000 मरीजों की एंट्री होती थी जो हड़ताल में ठप पड़ गई है। इसके अलावा जिले के सदर अस्पताल धनबाद सहित तमाम सरकारी अस्पतालों की भी हालत यही है। हड़ताल की वजह से स्ट्रेचर पर मरीजों को ले जाने वाला कोई नहीं ऐसे में पीड़ित परिवार के लोग को हीं स्ट्रेचर चलाना पड़ रहा है।
अस्पताल की जांच केंद्र में भी कोई कामकाज नहीं होने से पीड़ित लोगों को बगल के पीपीपी मोड संचालित जांच केंद्र में जाना पड़ रहा है। जहां रुपए लगाने के बाद भी समय पर एक्स-रे की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। सबसे बुरी स्थिति में यह है कि रेडियोलॉजी में मात्र एक कर्मचारी सेवारत है इसलिए यहां काम में आवश्यकता से अधिक विलंब हो रही है। हड़ताल को लेकर सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी भीड़ बढ़ गई है। ऐसे में पैसा लगाकर भी आर्थिक रूप से कमजोर लोग इलाज करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। इतना ही नहीं पोइज़निंग वार्ड तथा डायलिसिस वार्ड की सेवा भी पूरी तरह से ठप है। जिसके कारण जरूरतमंद लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क
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