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मौत के बाद कब्र से निकाला गया 44 साल के शख्स की लाश,पोस्टमार्टम से खुलेगा मौत का राज

10/19/2024 1:04:11 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Odisha : ओडिशा में सड़क हादसे में मृत 44 साल के एक शख्स के शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्र से दोबारा बाहर निकाला गया है। इस मामले में शख्स के बेटे ने दावा किया है कि सड़क हादसे के बाद अस्पताल में पिता की मौत हो गई और जब शव परिवार को थमाया गया तो उन्हें उनके पेट में सर्जरी के निशान मिले। जिसके बाद बेटे का आरोप है कि उसके पिता के शरीर के अंग निकाले गए हैं। जानकारी के मुताबिक़ ओडिशा के बेरहमपुर से एक अस्पताल द्वारा मृतक के अंग चोरी के आरोप का मामला सामने आया है। दरअसल, हाल ही में एक शख्स कालाहांडी जिले में सड़क दुर्घटना से मृत्यु हो गया था। उनका इलाज कटक के एक निजी अस्पताल में किया गया। जहां उनकी मौत हो गई थी। उनके बेटे की ओर से लगाए आरोपों के चलते शख्स के शव को पोस्टमार्टम के लिए दोबारा कब्र से बाहर निकाला गया है। जिसमे मृतक के बेटे ने दावा किया है कि उसके पिता को सिर में चोट लगी थी और कटक के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया गया था। लेकिन उनकी मौत हो गई और जब शव परिवार को शव थमाया गया तो उन्हें उनके पेट में सर्जरी के निशान मिले। बेटे का कहना है कि अस्पताल के अधिकारियों ने मेरे पिता के कुछ अंगों को निकाल लिया होगा। जानकारी के अनुसार पुलिस अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के अधिकारियों ने बिना कोई पोस्टमार्टम किए शव को मृतक के परिवार के सदस्यों को सौंप दिया और कटक के स्थानीय पुलिस स्टेशन को उनकी मौत के बारे में सूचित भी नहीं किया गया था। मृतक के परिवार के सदस्यों ने 17 अक्टूबर को उसके शव को कंधमाल जिले के बालीगुडा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत टिकराबाजू में एक कब्रिस्तान में दफना दिया था।
 
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बालीगुडा पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सुशांत साहू ने कहा कि कब्रिस्तान से निकाले जाने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम एक उप-विभागीय अस्पताल में किया गया हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम मृतक के बेटे के अंग चोरी के आरोप की भी जांच कर रहे हैं। सारी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चलेगी। इस बीच, कंधमाल में शिकायत के बाद जांच के लिए भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस की एक टीम ने कटक के निजी अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल प्राधिकारी ने आरोप से इनकार किया और कहा कि उनके डॉक्टरों ने डीकंप्रेसिव क्रैनिएक्टोमी, एक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया की थी। वही निजी अस्पताल प्रबंधक सुसांता बेहरा ने बताया कि हमारे डॉक्टरों ने इलाज के दौरान मरीज की स्थिति के बारे में परिवार के सदस्य को भी सूचित किया था। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि उन्होंने आरोप की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं और उन्होंने कहा कि अगर मामले में कोई दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 
मुस्कान कोयलांचल लाइव डेस्क