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पिता की मौत पर बेटे ने छोड़ा साथ तो बेटी ने निभाया बेटे का फ़र्ज़,चिता को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार 

10/25/2024 11:06:30 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Munger : पुत्र के द्वारा ही पिता की चिता को मुखाग्नि दी जाने वाली बातें अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। मुंगेर में यह रूढ़ीवादी परंपरा तब टूटती नजर आई,जब एक बेटे के द्वारा अपने वृद्ध मां पिता का परित्याग कर दिया गया तो बेटी ने पुत्र धर्म का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटी पिता की अंतिम यात्रा में श्मशान तक साथ गई और वहां पर उन सभी रीति रिवाजों को निभाया,जो बेटे को करना चाहिए था। जानकारी के मुताबिक़ मुंगेर के सुभाष नगर निवासी 73 वर्षीय रमेश चंद्र मुखर्जी अपनी वृद्ध पत्नी के साथ रहते थे। उनके बड़े बेटे के द्वारा उन दोनों को कई साल पूर्व ही परित्याग कर दिया गया। लेकिन उनकी बेटी राखी मुखर्जी जो कि स्वास्थ विभाग में कार्यरत है,उसने अपने वृद्ध माता पिता के देखभाल का भार उठाया। और बेटी ने पिता और माता को बेटे की कभी कमी महसूस नहीं होने दी। लेकिन पिछले कुछ माह से पिता की तबीयत खराब हो गई थी,तब उनकी बेटी ने उन्हें कई बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए लेके गई और उनकी सेवा की। बेटी के तमाम प्रयास के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया।
 
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जानकारी मिलने पर सभी रिश्तेदार,सगे-संबंधी, परिचित आ गए। लेकिन अब चिता को कौन आग देगा,यह सवाल सबके मन में उठने से पहले ही राखी मुखर्जी ने स्पष्ट कह दिया कि वह ही अपने पिता का अंतिम संस्कार करेगी। इसके बाद वह पिता की शव यात्रा में शामिल हुई और मुंगेर के लाल दरवाजा स्थित शमशान घाट पर अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर पुत्र धर्म का फर्ज निभाया। इसी दौरान समाज सेवी राकेश कुमार ने बताया कि जब पुत्र ने माता पिता को छोड़ दिया,तब राखी ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। तो वहीं मुखाग्नि देने के बाद राखी मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता उनके लिए एक हीरो थे। आज वह खुदको बेहद गौरवान्वित महसूस करती है कि उसने अपने पिता को मुखाग्नि दी।
 
मुंगेर से कोयलांचल लाइव के लिए मोहम्मद इम्तियाज़ खान की रिपोर्ट