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तिलकुट की सुगंध से महकने लगे बाजार, मकर संक्रांति के स्वागत में जुटे लोग

1/10/2025 11:33:55 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Munger : जैसा की हम सब को पता है कि मकर संक्रांति का पर्व सर पर है अतः इसको लेकर मुंगेर के विभिन्न जगहों पे सजने लगी तिलकुट की दुकानें। नवादा और गया से बुलाएं गए कारीगरों के द्वारा बनाए गए तिलकुट की सौंधी सुगंध से पूरा वातावरण सुगंधित हो उठता है। यहां कई प्रकार के तिलकुट मिलते है। जिसे लोग संदेश के रूप में अपने रिश्तेदारों के यहां भी भेजते है। मुंगेर मुख्य शहर में तिलकुट के कई दुकान हैं, लेकिन शहर का गांधी चौक एवं शादीपुर तिलकुट व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है और यहां तिलकुट की बड़ी मंडी सजती है। स्थानीय लोग तो इस व्यवसाय से जुड़े ही हैं किन्तु गया और नवाद जिले के तिलकुट कारीगर और व्यवसायी भी यहां कारोबार के लिए पहुंचते हैं जो भाड़े पर जगह लेकर कारोबार करते है। यहां की अर्थ व्यवस्था भी कुछ हद तक इस कारोबार पर टिकी हुई है। यूँ तो नवंबर माह से ही तिलकुट की सोंधी खुशबू से वातावरण खुशनुमा हो जाता है, लेकिन तिलकुट मकर संक्राति की मुख्य मिठाई मानी जाती है। नवंबर माह से ही मुंगेर में तिलकुट का निर्माण चालू हो जाता है जो जनवरी माह तक चलता है। इस दौरान यहां तिलकुट का कारोबार लाखों में होता है। मुंगेर में कई प्रकार के तिलकुट को बनाया जाता है जिनमें चीनी का तिलकुट, गुड़ का तिलकुट, खोवे वाला तिलकुट मुख्य रूप से प्रसिद्ध है। जो खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। व्यवसायी कालू कुमार ने कहा कि वे नवादा और गया के रहने वाले हैं। नवंबर को मुंगेर में तिलकुट कारीगर मुंगेर आ जाते है और तिलकुट का कारोबार करते हैं। जनवरी माह तक यह व्यवसाय चलता है। एक दिन में 5 से 8 हजार तक की बिक्री होती है। वहीं तिलकुट खरीदने आए खरीदारों ने बताया कि तिलकुट जो पहले गया से बनकर यहां आता था अब यहां ही मिलने लगा है। जिसका स्वाद काफी खास होता है। इस तिलकुट को संदेश के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। जिसे खास कर लोग बेटियों के ससुराल दही चुरा के साथ भेजना पसंद करते है।
 
कोयलांचल लाइव के लिए मुंगेर से मो. इम्तियाज़ की रिपोर्ट