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स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी पर IIT (ISM) धनबाद में महत्वपूर्ण कार्यशाला

2/1/2025 6:03:27 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : खनन, ऊर्जा और स्थिरता के भविष्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से चर्चा करते हुए – इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंटरैक्शन 2025 (III-2025) के तहत स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी पर आयोजित कार्यक्रमआई आई टी आई एस एम धनबाद में हुई। संस्थान के पेनमैन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश और विदेश के प्रमुख उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद और विचारक आज IIT (ISM) धनबाद में एकत्रित हुए ताकि खनन, ऊर्जा और स्थिरता के भविष्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया । इसे  IIT (ISM) ने TEXMiN के सहयोग से इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंटरैक्शन 2025 (III-2025) के तहत आयोजित किया गया।इस आयोजन में भविष्य की खनन तकनीकों, टकराव रोकथाम प्रणालियों, क्रिटिकल मिनरल्स में वैश्विक रुझान, वैश्विक परिदृश्य में भारत की स्थिति और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की रणनीतियों जैसे विभिन्न विषयों की विस्तृत चर्चा की गई। खनन क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, डीकार्बोनाइज़ेशन और कॉरपोरेट स्थिरता के लिए नवाचारों पर विशेष जोर दिया गया। 
 
क्या रहा विशेष आकर्षण : 
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण R&D फेयर का उद्घाटन था, जिसमें IIT (ISM) के विभिन्न विभागों और अनुसंधान केंद्रों ने स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी में अपनी नवीनतम तकनीकों और प्रगतियों को प्रदर्शित किया। इसके अलावा, IIT (ISM), TEXMiN और उद्योग एवं शैक्षणिक संस्थानों (स्टार्टअप्स सहित) के बीच हुए MoU, सहयोग पत्र (LoC) और आशय पत्र (LoI) के माध्यम से कई उत्कृष्टता केंद्र (Centers of Excellence - CoEs) की स्थापना की घोषणा भी की गई।
 
क्या रहा मुख्य वक्तव्य :
डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी (पद्म श्री पुरस्कार विजेता और सायंट के संस्थापक अध्यक्ष) ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत जल्द ही 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने प्रति व्यक्ति जीडीपी को वर्तमान $2500 से विकसित देशों के औसतन $60,000 के स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. रेड्डी ने उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और उद्योगों को अधिक जोखिम भरे, क्रांतिकारी अनुसंधान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
 
कौन कौन हैं रहें अतिथि वक्ता :
प्रो. अमित पात्रा (निदेशक, IIT BHU) – उन्होंने सहयोग के महत्व पर जोर दिया और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए बढ़े हुए वित्त पोषण की घोषणा की।
अजीत कुमार सक्सेना (CMD, MOIL इंडिया लिमिटेड) – उन्होंने क्रिटिकल मिनरल्स की भूमिका पर प्रकाश डाला, जो ग्रीन एनर्जी और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।
प्रो. ए.के. मिश्रा (निदेशक, CSIR CIMFR) – उन्होंने आर्थिक विकास में खनन के महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा की और उद्योग की सार्वजनिक धारणा को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रो. वी.एम.एस.आर. मूर्ति (निदेशक, IIEST शिवपुर) – उन्होंने स्मार्ट माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स और ग्रीन एनर्जी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर बात की, जिससे छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।
प्रो. प्रेम व्रत (अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, IIT ISM) – वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर उन्होंने भूमिगत खनन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो ओपन-कास्ट माइनिंग की तुलना में कम प्रदूषणकारी है।
प्रो. सुकुमार मिश्रा (निदेशक, IIT ISM व संरक्षक, III-2025) – उन्होंने अपने स्वागत भाषण में महत्वपूर्ण खनिजों की राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास और लो-कार्बन अर्थव्यवस्था में संक्रमण के लिए आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने III-2025 के उद्देश्य को स्पष्ट किया, जो इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
यह कार्यक्रम स्मार्ट माइनिंग, नवीकरणीय ऊर्जा और उद्योग में सतत विकासशील प्रथाओं पर संवाद को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे IIT (ISM) धनबाद इन क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के एक अग्रणी संस्थान के रूप में अपनी भूमिका को और सशक्त कर रहा है।
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क