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मल्टी सेक होल्डर कंसल्स्टेशन विधिक सेवा प्राधिकार का एक दिवसीय कार्यशाला 

2/7/2025 4:09:37 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : सड़क दुर्घटना मौजूदा समय में एक गंभीर मुद्दा है जिससे आये दिन मौतें हो रही है। इसी गंभीर मुद्दे को लेकर सिविल कोर्ट धनबाद में झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय मल्टी सेक होल्डर कंसल्स्टेशन कार्यशाला आयोजित की गई।कार्यशाला का उद्घाटन सिविल कोर्ट धनबाद में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तौफीकुल हसन लेबर जज प्रेमलता त्रिपाठी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहायने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है।  सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है। इस विषय पर पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए  न्यायाधीश ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश  मे स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी भी हालत में 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है , अन्यथा थाने के भार साधक अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।न्होंने कहा कि यदि समय पर पुलिस ऐसा कर दें तो मृतक के परिजनों को  तमाम मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा यह समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है । अवर न्यायाधिश राकेश रोशन  ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्घटना दावा से संबंधित आवेदन घटना के छह माह के अंदर ट्रिब्यूनल में दायर कर देना चाहिए अन्यथा पीड़ित पक्ष को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।ट्रैफिक डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने  लोगों को सावधानीपूर्वक सड़क पर गाड़ी चलाने की सलाह दी । उन्होंन कहा कि अब तक 12 लाख लोग भारत में सड़क दुर्घटना के कारण मौत के मुंह में जा चुके हैं उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के चार प्रमुख कारण होते हैं, बिना हेलमेट पहने गाड़ी चलाना , नशे में गाड़ी चलाना, तेजी  व लापरवाही से गाड़ी चलाना,समय पर इलाज नहीं हो पाना .रोड इंजीनियरिंग ऐनलिस्ट अमरेश कुमार ने कहा कि असावधानी के कारण ही आए दिन दुर्घटना हो जाया कर रही है।  उन्होंने कहा कि दुर्घटना के एक घंटे के अंदर यदि संबंधित व्यक्ति को इलाज मुहैया करा दिया जाए तो उसकी जान बच सकती है ।उन्होंने कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को कभी बैठाना नहीं चाहिए उसे तुरंत लेटा देना चाहिए. वही अधिवक्ता के. सिराज, एलेडीसियस चीफ कुमार विमलेंदु ,शैलेन्द्र ने मोटर यान दुर्घटना अधिनियम, व नये आपराधिक कानून से संबंधित विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी . कार्यशाला मे जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीकांत पाठक दुर्गेश चंद्र अवस्थी, पारस कुमार सिन्हा ,साकेत कुमार, प्रफुल्ल कुमार,कुलदीप ,नीरज विश्वकर्मा, स्वयंभू, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार त्रिपाठी, अवर न्यायाधीश निताशा बारला, श्वेता कुमारी, एंजेलिना जोन ,सफदर अली नायर, ऋषि कुमार ,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पाण्डे, लोक अभियोजक,  अवधेश कुमार, बार एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र कुमार, एलएडीसियस के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट,अपर एवं सहायक लोक अभियोजक, विभिन्न थानों के थाना पदाधिकारी, पारा लीगल वालंटियर,  मेडिएटर, डालसा के पैनल अधिवक्ता, शामिल थें। 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क