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एनबीएफसी -आईएफएससी परिसंपत्तियों के मामले में बनी भारत में तीसरा सबसे बड़ी सरकारी एनबीएफसी

3/6/2025 5:39:59 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : रेल मंत्रालय के अधीन प्रमुख वित्तीय संस्थान इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (आई आरएफसी) को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित नवरत्न का दर्जा प्रदान किया गया है। यह मान्यता भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे का समर्थन करने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग सीपीएससी में से एक के रूप में आरएफसी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आरएफसी की स्थापना 12 दिसंबर 1986 को एक शत- प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में की गई थी और इसने भारतीय रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के वित्तीय पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले कुछ वर्षों में यह एक प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में विकसित हुआ है जिसे 1993 में कंपनी अधिनियम के तहत एक सार्वजनिक वित्तीय संस्थान के रूप में 1998 में भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के तहत एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ( एनबीएफसी) के रूप में और बाद में 2010 में एक एनबीएफसी -इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी -आईएफएससी) के रूप में पंजीकृत किया गया। मार्च 2018 में इसे मिनी रत्न श्रेणी एक का दर्जा दिया गया। कंपनी को जनवरी 2021 में  26 रूपये के आईपीओ मूल्य पर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया था ,जो अब बढ़कर लगभग 115 रुपए हो गया है। 
31 मार्च ,2024 तक 26 ,600 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व और 6 ,400 करोड रुपए से अधिक के कर- पश्चात लाभ (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स ) के साथ आईआरएफसी प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों के मामले में भारत में तीसरा सबसे बड़ा सरकारी एनबीएफसी बन गया है। आईआर एफसी ने भारतीय रेलवे में लगभग 80%  रोलिंग स्टॉक के वित्तीय पोषण के महत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह पहला सीपीएससी विदेशी बाज़ारों  में 30 वर्ष की अवधि का बॉन्ड जारी किया। वर्तमान में आई आरएफसी का बाजार पंजीकरण लगभग 1 ,50 ,000 करोड़ रुपए है, 4.61 लाख करोड रुपए का प्रबंध के तहत पारीक संपत्ति ए यू  एम) लगभग 52 हजार करोड रुपए की नेट वर्थ और 4.81 लाख करोड रुपए से अधिक की बैलेंस शीट है। इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आई आरएफसी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कमांडर एवं सीओ मनोज कुमार दुबे ने कहा है कि नवरत्न का दर्जा प्राप्त करना आरएफसी की वित्तीय मजबूती और भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे के समर्थन देने की उसकी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंब है। यह मान्यता हमें अपनी क्षमताओं का और अधिक विस्तार करने और राष्ट्र के विकास में और अधिक सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती है। रेलवे परिसंपत्ति की वित्त पोषण में अपनी मुख्य भूमिका से परे, आई आरएफसी रेलवे के साथ मजबूत फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज वाले क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है जैसे कि बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन, खनन ,ईंधन, कोयला ,वेयरहाउसिंग, टेलीकॉम, होटल और खान-पान आदि कंपनी ने पहले से ही एनटीपीसी के लिए 20 बी ओबी आर  रेक  के लिए 700 रूपये करोड रुपए का वित्त पोषण प्राप्त कर लिया है और हाल ही में एनटीपीसी की सहायता कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड पीवीयू एल  के लिए 3190 करोड़ रूपये के कर्ज के वित्तीय पोषण के लिए सबसे बड़ी कम बोली लगाने वाली कंपनी घोषित की गई थी ,इसके अतिरिक्त एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी जेईएल  ) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी रिन्युअल एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी जे ई एल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी एनटीपीसी रिन्युअल एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी -जेईएल )की पूर्ण प्रस्ताव के लिए अनुरोध( रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल )के संबंध में रूपी टर्म लोन (आईटीएल) के वित्त पोषण के लिए आरएफसी की 7500 करोड़ की बोली स्वीकार कर ली है । 
 
 
 
आई आरएफसी भारतीय रेलवे ग्राहकों ,कंटेनर ,ट्रेन ऑपरेटर, भारतीय रेलवे द्वारा स्वीकृत पीपीपी परियोजना के लिए रोलिंग स्टॉक आवश्यकताओं को निधि देने के अवसर की भी सक्रिय रूप में खोज कर रहा है। आई आरएफसी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कमांडर एवं सीओ मनोज कुमार दुबे ने कहा कि हम पूंजी गहन लेखन रेलवे परियोजना के लिए सबसे अधिक लागत प्रभावी वित्त पोषण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरा रेलवे इकोनामिक इकोसिस्टम में वृद्धि के दौर से गुजर रहा है जो माल ढुलाई और यात्री आवागमन दोनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी की मांग पूरा कर रहा है। जैसे-जैसे भारत अमृत काल में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। आरएफसी बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकरण के लिए संसाधन जुटाना में और भी बड़ी भूमिका निभाएगा अपनी बढ़ती वित्तीय ताकत और राजनीतिक दृष्टिकोण के साथ आरएफसी भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे के वित्त पोषण में अग्रणी बना हुआ है जो हिट धर्म को के लिए सतत विकास और दीर्घकालिक मूल्य सुनिश्चित करता है। 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क