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बिहार की रहने वाली अलीशा ने सरकार को गुमराह कर खुद को झारखंड का बताया स्थायी निवासी,जाति छानबीन समिति ने राजगंज थाना प्रभारी का जाति प्रमाण पत्र किया रद्द,अब होगा...
7/17/2025 11:55:43 AM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad :
फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर इसका दुरुपयोग करने का एक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिससे फर्जीवाड़ा करने वालों के साथ-साथ सरकारी महकमा में भी हड़कंप मच गया है। बोकारो निवासी प्रदीप कुमार रे के शिकायत पर जाति छानबीन समिति ने अलीशा अग्रवाल उर्फ अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है। बताते चले कि प्रदीप बताते चले कि प्रदीप कुमार रे पिता मकई चन्द्र रे ने 2 फरवरी 2023 को जाति छानबीन समिति के समक्ष आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज किया था कि अलीशा कुमारी मूलतः नवादा (बिहार) की निवासी हैं एवं उक्त अवैध जाति प्रमाण पत्र के आधार पर झारखंड में उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति पाई है। मामले को जाति छानबीन समिति ने गंभीरता से लिया तथा जाँच पड़ताल प्रारंभ कर दिया।
अलीशा के पिता रोजगार के लिए आये थे डुमरी, घर बनाकर किराए पर दिया
जाति छानबीन समिति ने जांच पड़ताल की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अलीशा कुमारी के दिए हुए पते गिरिडीह जिला के डुमरी थाना अंतर्गत जामताड़ा ग्राम स्थित अलीशा कुमारी के आवास पहुंचे तो देखा कि आवास में ताला लगा हुआ है। आसपास पूछने पर पड़ोसी उमाशंकर राय, मनोज प्रसाद अग्रवाल, बिनोद कांत आदि ने बताया कि अलीशा कुमारी के पिता का नाम भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल है। 10 वर्ष पहले एक मकान बनाकर किराए पर लगा दिया है। वह स्वयं यहाँ नही रहते हैं बल्कि अपने गांव नवादा (बिहार) में रहते हैं तथा किराया आदि लेने के लिए कभी कभार यहां आते हैं। कुछ अन्य पड़ोसी खेमलाल महतो, रेखा कुमारी वार्ड सदस्य आदि ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पहले भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल रोजगार के उद्देश्य से यहां आए थे तथा कोयला का व्यवसाय किया करते थे।
किस आधार पर बना अलीशा कुमारी का जाति प्रमाणपत्र
जारी पत्र में यह भी बतलाया गया कि अलीशा कुमारी के द्वारा झारसेवा पोर्टल पर रजिस्ट्री केवाला संख्या-11932 दिनांक 22-10-1986, लगान रसीद 2015-16 एवं स्व घोषित शपथ पत्र अपलोड कर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु अनुरोध किया गया। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत जामताड़ा प्रखंड डुमरी के मुखिया, वार्ड सदस्य एवं अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में आमसभा कर स्वयं को 1976 से झारखंड का स्थानीय निवासी बताया। उक्त के आधार पर अंचल कार्यालय डुमरी के प्रतिवेदन पर तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डुमरी के लॉगिन आईडी से अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया।
वर्षों तक चला जांच पड़ताल के बाद रद्द हो गया अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र
जारी पत्र में यह भी बताया गया कि 23 में 2025 एवं 2 जुलाई 2025 को अलीशा कुमारी तथा प्रदीप कुमार रे अपने-अपने विद्वान अधिवक्ता के साथ समिति के समक्ष बैठक में शामिल हुए। जिसमें अलीशा कुमारी झारखंड राज्य के पिछड़ा वर्ग संघ के सदस्य हैं इसे प्रमाणित करने में असफल रही। उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन एवं सुनवाई के बाद सरकार के सचिव एवं जाति छानबीन समिति के अध्यक्ष ने अलीशा कुमारी का झारखंड राज्य का पिछड़ी जाति का निर्गत जाति प्रमाण पत्र संख्या- जेएचसीसी/ 2017/229784 दिनांक- 16-03-2017 को रद्द कर दिया।
धनबाद से कोयलांचल लाइव के लिए सबा आफरीन की रिपोर्ट
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