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योजनाओं ,शिलान्यास व उद्घाटन से भरी रही मुख्यमंत्री नीतीश की लौकही की प्रगति यात्रा

7/26/2025 4:47:30 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna  : अपनी प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मधुबनी जिला के लौकही में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन। साथ हीं उन्होंने यहां कई घोषणाएं भी की। मुख्यमंत्री ने लौकही के सूर्य प्रसाद प्लस टू उच्च विद्यालय के परिसर में बने हेलीपैड पर उतरने के बाद निश्चय रथ पर सवार होकर कार्यक्रम स्थल तक रोड शो किया। इस दौरान वहां उपस्थित जनसमूह ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। ज्ञातव्य है कि 264.93 करोड़ रुपये लागत की पुरानी कमलाधार, जीवछ नदी, जीवछ कमला एवं पुरानी कमला नदी आदि को पुनर्जीवित करने एवं इससे सिंचाई सुविधा बढ़ाने तथा बाढ़ न्यूनीकरण की प्रस्तावित योजना (बाढ़ प्रक्षेत्र) का शिलान्यास किया गया। कमला नदी के अतिरिक्त पुरानी कमला, मरनी कमला नदी एवं जीवछ नदी खजौली, पंडौल आदि प्रखण्डों से पूर्व से प्रवाहित है। सन् 1987 में कमला नदी पर मुख्य बांध का निर्माण होने के कारण पूर्व से प्रवाहित पुरानी कमला एवं उससे जुडी मरनी कमला मृतप्राय हो गई। प्रखंड खजौली की सुक्की पंचायत के पास कमला दाया बांध में Head Regulator बनाकर तथा पुरानी कमला एवं उससे जुड़ी मरनी कमला का जीर्णोद्धार कर इन सभी नदियों को पुनर्जीवित किये जाने की योजना है। इस योजना का कार्यान्वयन कुल 160.00 कि0मी0 में होना है। इसके अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन से संबंधित कार्य से मधुबनी जिला के खजौली, राजनगर एवं पंडौल (कुल 3) प्रखंड तथा दरभंगा जिला के केवटी, दरभंगा सदर, बहादुरपुर, बहेरी, बेनीपुर, बिरौल, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं कुशेश्वरस्थान पश्चिमी (कुल 8) क्षेत्र लाभांवित होंगे।साथ ही मुख्यमंत्री ने 161.08 करोड़ रुपये लागत की पुरानी कमला नदी एवं जीवछ कमला पर 04 अदद बीयर एवं अन्य संरचना के निर्माण कार्य आदि को पुनर्जीवित करने एवं इससे सिंचाई सुविधा बढ़ाने तथा बाढ़ न्यूनीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इस योजनान्तर्गत नदियों को आपस में जोड़ने से कृषि उद्देश्य हेतु पानी की निरंतर आपूर्ति होगी तथा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की कमी की समस्या दूर होगी। साथ ही नदियों को आपस में जोड़ने से बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से अतिरिक्त पानी को पानी की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की ओर मोड़कर बाढ़ नियंत्रण में योगदान मिलेगा एवं बाढ प्रबंधन होगा। मधुबनी जिला अंर्तगत पंडौल एवं रहिका प्रखंड तथा दरभंगा जिला अंतर्गत बहादुरपुर, मनीगाछी एवं घनश्यामपुर प्रखंड के अंतर्गत लगभग 6089 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इससे मधुबनी और दरभंगा जिले में मछली, मखाना, सिंघाड़ा आदि जलीय उत्पादों की पैदावार बढ़ेगी।14.53 करोड़ रुपये की लागत से मधुबनी में अंतर्राज्यीय बस अड्डे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया। मधुबनी शहर के वासियों द्वारा व्यावसायिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बस सहित अन्य यात्री वाहन का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान में शहर की आवश्यकता हेतु उपलब्ध बस अड्डा शहर के मध्य गंगासागर चौक पर अवस्थित है। शहर का तीव्र नगरीकरण हो रहा है तथा जनघनत्व भी बढ़ रहा है। शहर में उपलब्ध सड़कें काफी संकीर्ण हैं एवं सड़कों के चौड़ीकरण हेतु पर्याप्त जगह भी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में गंगासागर चौक अवस्थित बस अड्डा से खुलने वाली बसों सहित अन्य वाहनों के आवागमन से जाम, पार्किंग व प्रदूषण सहित अन्य समस्या का सामना करना पड़ता है। रामपट्टी के निकट प्रस्तावित बस अड्डा वर्तमान में शहर से लगभग 05 कि०मी० की दूरी पर है। यहां पर बस स्टैण्ड के निर्माण से मधुबनी शहर को जाम एवं प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिलेगी तथा यह शहर के विस्तारीकरण में भी सहयोग प्रदान करेगा।178 करोड़ रुपये की लागत से जयनगर शहीद चौक के पास आर०ओ०बी० के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया। जयनगर-खजौली रेलवे स्टेशन के बीच बने LC-39 पर विभिन्न माध्यम से आर०ओ०बी० निर्माण की मांग की जाती रही है। LC-39 पर आर०ओ०बी० के निर्माण नहीं होने के कारण अनेक दिशाओं से जयनगर बाजार आनेवाले आम लोगों को रेलवे द्वारा निर्मित यू-टर्न सड़क से लगभग दो से तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। साथ ही यात्री रेल गाड़ी / मालवाहक रेलगाड़ी आने के समय रेलवे गुमटी बंद रहने के कारण काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है एवं भारी जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। आर०ओ०बी० निर्माण हो जाने से जयनगर बाजार जानेवाले लोगों के द्वारा तय की जा रही अतिरिक्त दूरी, समय व ऊर्जा की बचत होगी। साथ ही लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी।31.13 करोड़ रुपये की लागत से मधुबनी जिला स्थित मां सीता एवं प्रभु श्रीराम के प्रथम मिलन स्थल 'फुल्हर स्थान' को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जानेवाले कार्य का शिलान्यास किया गया। फुलहर स्थान मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड में एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है। यह वह स्थान है जहाँ भगवान राम एवं देवी सीता पहली बार मिले थे। यहाँ मिथिला के राजा जनक का फूलों का बगीचा था। देवी भगवती का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर जिसे गिरजा स्थान के रूप में जाना जाता है, यहीं स्थित है। इस स्थान को बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2020 में हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिये पर्यटन केन्द्र के रूप में मान्यता दी गयी है। इस स्थल के विकसित होने से मधुबनी जिला पर्यटकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो जायेगा एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलने से मधुबनी जिलावासियों की आर्थिक उन्नति होगी।कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मधुबनी जिले की प्रभारी मंत्री सह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  लेशी सिंह, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, सांसद रामप्रीत मंडल, पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, पूर्व विधायक सतीश कुमार साह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर० पुडकलकट्टी, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त कौशल किशोर, दरभंगा प्रक्षेत्र की पुलिस उपमहानिरीक्षक  स्वप्ना गौतम मेश्राम, मधुबनी के जिलाधिकारी आनंद शर्मा, मधुबनी के पुलिस अधीक्षक  योगेंद्र कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्तागण उपस्थित थें।
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क