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मानसिक तनाव और डिप्रेशन बढ़ा रहे हार्ट डिजीज का खतरा,बचाव जरूरी...

8/31/2025 10:51:32 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By -Saba Afrin 
 
Mental illnesses and heart diseases: आज के समय में हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अनहेल्दी खानपान, स्ट्रेस से भरी लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसके बड़े कारण माने जाते हैं. हार्ट डिजीज, ऐसी स्थिति है जब हार्ट तक ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है. यह समस्या ब्लॉकेज, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल और नसों में जमे फैट के कारण हो सकती है. ऐसे में व्यक्ति को दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य गंभीर हार्ट संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. पहले यह समस्या केवल उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. इसके पीछे सबसे अहम कारण बदलती लाइफस्टाइल और मानसिक दबाव है। 
मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़े होते हैं. लगातार मानसिक तनाव या डिप्रेशन जैसी समस्याएं सीधे तौर पर हार्ट को प्रभावित कर सकती हैं. तनाव की स्थिति में शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य हो सकते हैं. लंबे समय तक बनी रहने वाली चिंता या डिप्रेशन से नींद की कमी, अनहेल्दी खानपान और धूम्रपान-शराब जैसी आदतें बढ़ने लगती हैं. ये सभी बातें हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं और धीरे-धीरे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाती हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिसर्च के अनुसार, मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में कहीं अधिक पाया गया है। 
 
कौन सी मानसिक समस्याएं बढ़ाती हैं खतरा
कुछ खास मानसिक स्थितियां हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा बढ़ा देती हैं. इनमें सबसे प्रमुख है डिप्रेशन. डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर एनर्जी की कमी, नींद न आना और नेगेटिव सोच से जूझता है, जो हार्ट पर प्रभाव डालती है. इसके अलावा चिंता यानी एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर लगातार तनाव की स्थिति पैदा करती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और नसों पर दबाव पड़ता है. क्रॉनिक तनाव भी हार्ट डिजीज की बड़ी वजह है, क्योंकि इससे शरीर में कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ जाते हैं, जो हार्ट के कामकाज को नुकसान पहुंचाते हैं। 
 
कुछ अध्ययनों, जैसे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और JAMA Cardiology के अनुसार, बाइपोलर डिसऑर्डर और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) वाले लोगों में भी हार्ट डिजीज का खतरा अधिक होता है. इन सभी मानसिक समस्याओं से न सिर्फ व्यक्ति की लाइफस्टाइल प्रभावित होती है, बल्कि हार्ट पर सीधा असर पड़ता है। 
 
कैसे करें बचाव
 
.एक्सरसाइज और योग को दिनचर्या में शामिल करें। 
 
.तनाव घटाने के लिए मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं। 
 
.हेल्दी और पौष्टिक डाइट लें और पर्याप्त नींद पूरी करें। 
 
.धूम्रपान और शराब जैसी नशे की आदतों से दूरी बनाएं। 
 
.मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज न करें, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें। 
 
.परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, सामाजिक जुड़ाव बनाए रखें। 
 
.समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें ताकि समस्या शुरुआती स्तर पर ही पकड़ी जा सके। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क