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सरायकेला में जागरूकता का असर, ग्रामीणों ने छोड़ी अवैध खेती, धान से लहलहाए खेत

9/14/2025 12:55:07 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Saraikela : सरायकेला जिले के खरसावां प्रखंड की रीडिंग पंचायत में सरकार और पुलिस-प्रशासन की जागरूकता का सकारात्मक असर साफ दिख रहा है। जहां पिछले साल तक अवैध अफीम की खेती होती थी, आज वही खेत धान और अन्य पारंपरिक फसलों से लहलहा रहे हैं। यह बदलाव न केवल किसानों की मेहनत, बल्कि प्रशासन की दृढ़ता और ग्रामीणों के सहयोग का परिणाम है। पिछले साल झारखंड सरकार के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन ने अवैध अफीम की खेती के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। करीब 100 एकड़ जमीन पर फैली अफीम की खेती को रोकना एक बड़ी चुनौती थी। फिर भी, पुलिस ने 85 एकड़ से अधिक जमीन को अवैध खेती से मुक्त कराया। ग्रामीणों को जागरूक करने और समझाने के बाद, उन्होंने अफीम की खेती छोड़कर पारंपरिक खेती की ओर रुख किया। खरसावां थाना प्रभारी गौरव कुमार ने इस उपलब्धि को पुलिस अधीक्षक, सरकार और ग्रामीणों की संयुक्त प्रतिबद्धता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, "अफीम की खेती न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह युवाओं के भविष्य पर भी बुरा असर डालती है। ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों का सहयोग इस बदलाव की नींव है।
 
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने किसानों से पारंपरिक खेती जारी रखने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि अवैध खेती दोबारा शुरू करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। हालांकि, किसानों के सकारात्मक रुख से लगता है कि यह बदलाव अब स्थायी है। रीडिंग पंचायत की यह कहानी साबित करती है कि जागरूकता, सहयोग और दृढ़ संकल्प से समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। यह क्षेत्र अब अवैध खेती के अंधेरे से निकलकर विकास की नई रोशनी की ओर बढ़ रहा है।
 
सरायकेला से कोयलांचल लाइव के लिए बिनोद केसरी की रिपोर्ट