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झामुमो और राजद के बीच जुबानी जंग जारी, मंत्री सुदिव्य कुमार ने दिया बड़ा बयान

10/21/2025 12:27:49 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Ranchi : बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा न लड़ेगा और न ही प्रचार करेगा इसकी विधिवत घोषणा पार्टी के वरिष्ठ नेता सह मंत्री सुदिव्य कुमार ने कर दी है. अब झामुमो और राजद के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों पार्टियां एक दुसरे पर आरोप लगा रही हैं. दरअसल, सोमवार को गिरिडीह में पत्रकारों से बात के दौरान मंत्री सुदिव्य ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के दर्द को शेयर किया तो गठबंधन के साथियों की नीयत पर भी सवाल उठाते हुए पार्टी के तेवर भी बता डाला. मंत्री ने राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है, इस सवाल पर मंत्री ने बहुत ही सुलझे हुए लफ्ज में बड़ी बात कह डाली. मंत्री ने कहा कि ' इंडिया गठबंधन के गठन में झारखंड मुक्ति मोर्चा की मजबूत साझेदारी रही है, अभी तक की परिस्थितियां हमें इसी रास्ते पर ले जा रही हैं. अगर राजनीतिक परिस्थितियों झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंडियों के हितों के विपरीत रहेगी तो पार्टी और भी कोई निर्णय ले सकती है'. मंत्री का यह जवाब बताता है कि आगे कुछ भी संभव है. पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल पर जेएमएम के उपकार को भी याद करवाया. बताया कि किस तरह 2015 के चुनाव में राजद को मदद पहुंचाया गया. मंत्री ने कहा कि ' गठबंधन धर्म का पालन करना किसी भी राजनीतिक संगठन के लिए महत्वपूर्ण होता है. गठबंधन दो भाइयों के बीच का पारस्परिक समायोजन है. जिसमें दोनों भाई एक दूसरे के हितों का ख्याल रखते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2015 के चुनाव में अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल को मदद करने का प्रयास किया. 2019 के चुनाव में भी राजद महागठबंधन का पार्ट था. 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता चुने गए थे. गठबंधन धर्म का पालन करते हुए हेमंत सोरेन ने सत्यानंद भोक्ता को 5 वर्षों तक मंत्री बना कर रखा. 2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कांग्रेस, राजद और वाम दलों को समाहित किया। चुनाव के परिणाम के बाद सरकार बनाने की जब बारी आई तो चार सीट मिलने के बावजूद राजद के कोटे से एक मंत्री बनाया गया. इन बातों को इसलिए दोहराया जा रहा है चुकी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा से ही गठबंधन धर्म का पालन किया. मंत्री ने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को तीन सीटों का आश्वासन दिया था. उस दौरान भी झारखंड मुक्ति मोर्चा को धोखा दिया गया और तीनों सीटें उसे वक्त की गठबंधन की पार्टियां कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यू ने बांट लिया, इस तरह से झामुमो को धोखा मिला था. इसके बावजूद जेएमएम गठबंधन धर्म का पालन करती रही. 
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इसके बदले 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह का धोखा झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिला है वह आहत करने वाला है. मंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में साफ कहा कि यह बात स्पष्ट है कि झारखंडी चेतन को दिया गया धोखा झारखंडी नहीं भूलते हैं. निश्चित तौर पर आगे उनको यह बताएंगे कि झारखंड मुक्ति मोर्चा एक बड़ी ताकत है. इस देश के आदिवासियों की एक मजबूत आवाज है, इस देश के आदिवासियों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई है तो निश्चित तौर पर इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में महागठबंधन के राजनीतिक दलों के क्रियाकलाप की समीक्षा करेगी और संगठन के प्लेटफार्म पर इस विषय को रखेगी. साथ ही साथ मुक्ति मोर्चा के लिए जो अनुकूल होगा उसके अनुरुप निर्णय करेगी, जो झारखंडी हितों के भी अनुकूल होगा. बिहार के चुनाव में जेएमएम किसी भी तरह सक्रिय राजनीति में नहीं है. हम वहां के किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में भागीदार नहीं है. जब जेएमएम की सक्रिय भागीदारी नहीं रहेगी तो जिस तबके का प्रतिनिधित्व जेएमएम करती है वे मतदाता भी इस बात को देख रहे हैं कि किस तरह का राजनीतिक छल का शिकार बनाया गया. इसका जवाब वहां की जनता देगी. वहीं मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बयान पर राजद की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव ने कहा कि सुदिव्य कुमार जो मंत्री जैसे पद पर हैं, उनसे संवाददाता सम्मेलन में हमारे नेतृत्व और नेता को लेकर ऐसे अपशब्द बोलने की उम्मीद नहीं थी. संभव है कि आवेश में आकर उन्होंने ऐसा कुछ कहा हो लेकिन यह सही नहीं है. कैलाश यादव ने कहा कि अपनी राजनीतिक चूक का दोष झामुमो के विधायक और मंत्री हम पर न थोपें. जिस दल को बिहार में चुनाव लड़ना है उसके नेता को वहां जाकर संगठन का काम करना चाहिए, आप झारखंड में बैठकर बिहार की राजनीति नहीं कर सकते. कैलाश यादव ने कहा कि बिहार में चुनाव लड़ना है तो वहां उनके नेताओं को समय देना होगा, लेकिन उसके नेता तो मानो बिहार हाजिरी लगाने गए और वापस चले आये. राजद के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि वह तीखे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते लेकिन सुदिव्य कुमार सोनू को अपने बयान में संयम और मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए.
 
कोयलांचल लाइव डेस्क