Date: 25/12/2025 Thursday
ABOUT US
ADVERTISE WITH US
Contact Us
Koylanchal Live
बड़ी खबरें
देश प्रदेश
राज्य
MUMBAI
महाराष्ट्र
राजस्थान
गुजरात
उत्तराखंड
पश्चिम बंगाल
तमिलनाडु
ओडिशा
पंजाब
झारखण्ड
उत्तर प्रदेश
जम्मू कश्मीर
दिल्ली
आंध्र प्रदेश
बिहार
छत्तीसगढ़
MADHYA PRADESH
HIMACHAL PARADESH
राजधानी
रांची
पटना
लखनऊ
राजनीति
अपराध जगत
स्पोर्ट्स
वर्ल्ड न्यूज़
बिज़नेस
इंटरटेनमेंट
कोयलांचल लाइव TV
फोटो गैलरी
रूस से तेल ख़रीद पर ‘ब्रेक’ भारत की इस सरकारी कंपनी के फैसले से मचा हड़कंप
10/30/2025 11:31:14 AM IST
100
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बिसात पर तेल एक बहुत बड़ा मोहरा है और अब इसका असर भारत-रूस के ऊर्जा संबंधों पर भी साफ दिखने लगा है. पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का शिकंजा कसता जा रहा है. इसी दबाव का नतीजा है कि भारत की एक प्रमुख ऊर्जा कंपनी ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का बड़ा फैसला किया है. इस कंपनी में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) जैसी बड़ी सरकारी तेल कंपनी की भी हिस्सेदारी है।
क्यों बंद हुई रूस से तेल की खरीद?
यह फैसला लेने वाली कंपनी एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (HMEL) है, जो मित्तल समूह और सरकारी कंपनी एचपीसीएल का एक संयुक्त बिजनेस है. कंपनी ने आधिकारिक तौर पर यह घोषणा की है कि वह अब रूस से कच्चे तेल का आयात नहीं करेगी. एचएमईएल पहली भारतीय कंपनी बन गई है, जिसने रूस के बड़े तेल उत्पादकों पर हाल में लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद खुलकर यह कदम उठाया है।
कंपनी का कहना है कि यह फैसला अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन द्वारा रूस से तेल आयात पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के साथ “तालमेल बिठाने” का एक प्रयास है. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसके बाद चीन की कई कंपनियों ने भी रूसी तेल से दूरी बना ली थी।
कैसे होती थी तेल की आपूर्ति?
पंजाब के बठिंडा में एक बड़ी तेल रिफाइनरी चलाती एचएमईएल ने अब तक रूस से तेल की खरीद ‘आपूर्ति के आधार’ (delivered basis) पर की थी. इसे आसान भाषा में समझें तो तेल को रूस से भारत लाने की सारी जिम्मेदारी आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) की होती थी. जहाज का इंतजाम करना, उसका बीमा और परिवहन, सब कुछ रूसी पक्ष ही देखता था. एचएमईएल को तेल भारतीय बंदरगाह पर मिलता था.
कंपनी का कहना है कि इस व्यवस्था के तहत आने वाले जहाज बिना किसी विशेष अनुमति के आते थे. लेकिन अब नए प्रतिबंधों ने इस पूरी प्रक्रिया को बेहद जोखिम भरा बना दिया है. नए नियम सिर्फ तेल पर नहीं, बल्कि उसका परिवहन करने वाले जहाजों, बीमा कंपनियों और वित्तीय लेनदेन पर भी लागू होते हैं.
कंपनी ने जोर देकर कहा है कि वह हमेशा से सरकारी नीतियों और नियमों का कड़ाई से पालन करती आई है. एचएमईएल के मुताबिक, उसकी सभी व्यावसायिक गतिविधियां भारत सरकार की ऊर्जा सुरक्षा नीति के अनुरूप ही रही हैं. इसका सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि रूस से तेल खरीद रोकने का यह फैसला भी कहीं न कहीं सरकारी नीतियों के दायरे में ही लिया गया है. कंपनी की मंशा है कि अगले आदेश तक यह खरीद बंद रखी जाएगी।
प्रतिबंधित जहाजों का विवाद
हालांकि, एचएमईएल का यह फैसला एक बड़े विवाद के बाद आया है. कुछ समय पहले ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि एचएमईएल ने इस साल प्रतिबंधित जहाजों (sanctioned ships) से कच्चे तेल की कम से कम चार खेप प्राप्त की थीं, जिनकी कीमत लगभग 28 करोड़ डॉलर थी. यह एक गंभीर आरोप था, जिसका मतलब था कि कंपनी ने जाने-अनजाने में प्रतिबंधों का उल्लंघन किया.
इस खबर पर एचएमईएल ने अपनी सफाई पेश की. कंपनी ने अपना पुराना पक्ष दोहराते हुए कहा कि उसने तेल की खरीद ‘आपूर्ति के आधार’ पर की थी और परिवहन की पूरी व्यवस्था आपूर्तिकर्ता द्वारा की गई थी. कंपनी का इशारा यह था कि अगर किसी प्रतिबंधित जहाज का इस्तेमाल हुआ भी है, तो इसकी जिम्मेदारी सप्लायर की है, उनकी नहीं.
गौरतलब है कि कंपनी ने तब तक रूस से तेल खरीदा, जब तक यह उसके लिए फायदेमंद और सुरक्षित था. लेकिन जैसे ही प्रतिबंधों का शिकंजा कसा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी बढ़ी, कंपनी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए।
कोयलांचल लाइव डेस्क
Disclaimer:
Tags:
0 comments. Be the first to comment.
सम्बंधित खबरें
#
बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं, क्रिसमस
#
अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती पर, रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन
#
याद किये गए शहिद निर्मल महतो, जयंती पर माल्यार्पण कर विधायक ने दी श्रद्धांजलि
#
क्रिसमस पर फादर का संदेश: प्रेम और शांति ही जीवन का उदेश्य...
#
एक साथ उठी पति पत्नी ने छोड़ी दुनिया, सबकी आंखे हुई नम
ट्रेंडिंग न्यूज़
#
सांसद संजय सेठ ने धनबाद पहुंच पूर्व विधायक संजीव सिंह का कुशल क्षेम जाना
#
यह चुनाव तय करेगा कि क्या बिहार में जंगलराज लौटेगा या विकास का राज कायम रहेगा : अमित साह
#
रूस से तेल ख़रीद पर ‘ब्रेक’ भारत की इस सरकारी कंपनी के फैसले से मचा हड़कंप
#
अशोक चौधरी ने कहा, विकास और स्थिरता के लिए जनता ने दिया वोट
#
बंद अधिकारी आवास से 15 लाख के जेवरात चोरी, पुलिस जांच में जुटी