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 गन लाइसेंस स्कैम में आठ IAS पर केस मंजूरी पर केंद्र जल्द लेगा निर्णय

11/23/2025 11:38:32 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
जम्मू-कश्मीर में करोड़ों रुपये के गन लाइसेंस स्कैम में आठ IAS अधिकारियों पर केस चलाने की मंज़ूरी के लिए CBI की रिक्वेस्ट पर होम मिनिस्ट्री विचार कर रही है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस राजेश ओसवाल वाली डिवीजन बेंच को डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (DSGI) ने इसकी जानकारी दी है। 
 
DSGI विशाल शर्मा ने बताया कि J&K सरकार और CBI दोनों ने मिनिस्ट्री की तरफ से मांगे गए क्लैरिफिकेशन का जवाब 26 सितंबर और 14 अक्टूबर को दे दिया है. उन्होंने बेंच को यह भी जानकारी दी है कि अभी इस मामले पर मिनिस्ट्री एक्टिवली सोच रही है. इस बारे में जल्द ही कोई फॉर्मल फैसला होने की उम्मीद की जा रही है. फिलहाल, DSGI की तरफ से थोड़ी देर की मोहलत मांगने पर बेंच ने मामले को 30 दिसंबर तक के लिए टाल दिया.
 
8 IAS ऑफिसर पर है शक
गृह मंत्रालय (MHA) ने 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट बताया था कि जम्मू-कश्मीर में एक बहुत बड़ा गन लाइसेंस घोटाला हुआ था. इसमें करोड़ों रुपये की रिश्वत लेकर फर्जी हथियार लाइसेंस बांटे गए थे. इस केस की जांच CBI कर रही है. CBI को शक है कि इसमें 8 बड़े IAS अफसर भी शामिल थे, यानी ये अफसर हथियार के डीलरों से मिले हुए थे. इस पर गृह मंत्रालय की तरफ से CBI का हथियार डीलरों से अधिकारियों को जोड़ने के लिए ‘ठोस सबूत‘ के बारे में सफाई मांगी थी.
 
जिन अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में हैं उनकी तरफ से 2012 और 2016 के बीच कठुआ, उधमपुर, राजौरी, बारामूला, पुलवामा, कारगिल और लेह में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के तौर पर अपनी पोस्टिंग के दौरान गन लाइसेंस जारी करने की बात कही गई है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत IAS अधिकारियों जैसे सरकारी कर्मचारियों पर आरोप लगाने के लिए प्रॉसिक्यूशन मंजूरी जरूरी है.
 
100 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है घोटाला
इस मामले पर CBI की रिक्वेस्ट J&K सरकार ने MHA को भेज दी थी. इस मामले में कथित तौर पर शामिल कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (KAS) अधिकारियों और दूसरे निचले लेवल के कर्मचारियों के मामले में प्रॉसिक्यूशन की मंजूरी पहले ही दे दी थी. CBI 2012 से 2016 के बीच जब J&K अभी भी एक राज्य था.
 
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिप्टी कमिश्नर और लाइसेंसिंग अधिकारियों ने ‘पैसे के लालच‘ से 2.74 लाख से ज़्यादा गन लाइसेंस जारी करने में हुई गड़बड़ियों की जांच कर रही है. एजेंसियों का अनुमान है कि यह कथित घोटाला 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा का है. इसमें कई हथियार ‘गैर-कानूनी‘ तरीके से हथियारबंद और पैरामिलिट्री के जवानों को जारी किए गए थे, जो न तो उस समय राज्य के रहने वाले थे और न ही उस समय संबंधित जिलों में तैनात थे। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क