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बी आई टी सिंदरी की 75 वर्ष पूर्ण करने पर मनाया प्लैटिनम जुबली समारोह

11/16/2024 11:20:06 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
जुटे देश भर से विभिन्न अभियंत्रण एवं तकनीकी संस्थानों के शिक्षाविद
 
Jharia : अविभाजित बिहार के समय से ही अभियंत्रण संस्थानों में अपना झंडा बुलंद रखने वाला बी आई टी सिंदरी अपनी 75 वर्ष सफलता पूर्वक पूरा कर ली है। ऐसे में संस्थान अपनी प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम मान रही है। मौके पर तीन दिवसीय समारोह आयोजित की जा रही है। संस्थान निर्देशक डॉ पंकज राय ,सीडीसी अध्यक्ष डॉ घनश्याम, डॉ प्रकाश कुमार ,(संयोजक एवं डीन एल्यूमिनी), संस्थान में कार्यरत प्राध्यापक गैर शिक्षक कर्मचारी अध्यनरत छात्र प्रवृत्ति छात्र सहित अन्य उपस्थित थें। सरस्वती वंदना एवं कुल गीत प्रस्तुती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। निर्देशक डॉ पंकज राय ने अपने उद्बोधन में संस्थान के महत्व एवं विशेषता पर महत्वपूर्ण चर्चा की। मुख्य अतिथि सीएमडी, एनएचपीसी राजकुमार चौधरी भी उपस्थित थें। उन्होंने अपने संबोधन में संस्थान के 75 वर्ष सफलतापूर्वक पूरी करने की शुभकामनाएं देते हुए अभियंत्रण के क्षेत्र में आगे भी यथासंभव सहयोग का वादा किया। उन्होंने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में प्रगति पर हो रहे अंतरराष्ट्रीय पैनल डिस्कशन के अंतर्गत सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इंडिया एनर्जी ट्रांजिशन के ऊपर चर्चा की। समारोह की अध्यक्षता प्रोफेसर एचआरपी यादव (अमेठी यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम) ने की। मौके पर सतत ऊर्जा के विकास पर अपना विचार रखने के लिए पैनल के रूप में राजकुमार चौधरी( सीएमडी, एनएचपीसी) एसएन त्रिपाठी एनटीपीसी रवि (महानिदेशक, ओएनजीसी), डॉ हरिनारायण तिवारी (संस्थापक, फ्लड कोन प्राइवेट लिमिटेड नोएडा), अध्यक्ष साइबर विद्यापीठ शशांक शेखर गरूरियार भी उपस्थित थें। इस अवसर पर नवीकरण एवं सतत ऊर्जा के संबंध में पैनल के सदस्यों से प्रश्न पूछा जिसका उत्तर देते हुए शशांक ने कहा कि नवीकरण ऊर्जा के लिए हम सौर ऊर्जा और जल ऊर्जा से प्राप्त होने वाले ऊर्जा का प्रयोग वृहत पैमाने पर कर रहे हैं। क्योंकि ऊर्जा की मांग बहुत ही ज्यादा है इसे पूर्ण रूप से नवीकरण बनाने के लिए धीरे-धीरे प्रयत्न करना होगा। दूसरा डिस्कशन मीनिंग इंडस्ट्रीज का डिजिटलीकरण आर ए आई का उपयोग जिसकी अध्यक्षता एस सी सुमन (डायरेक्टर, टेक्निकल एनएलसी) ने किया। सभी पैनलिस्ट ने माईनिंग के क्षेत्र में दक्षता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने पर बोल दिया। साइबर सिक्योरिटी चुनौतियां एवं उसके समाधान के ऊपर हो रहे पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता शशांक शेखर गौरियार (डायरेक्टर, साइबर विद्यापीठ )ने की। जबकि बालकृष्ण बरनवाल ने बताया कि बढ़ते साइबर हमले के कारण संगठनों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने साइबर सुरक्षा जागरूकता भारतीय कंपनियों की तैयारी और सरकार- निजी भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा न केवल तकनीकि बल्कि रणनीतिक प्राथमिकता है चर्चा के अंत में युवाओं के को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
 
 
झरिया से कोयलांचल लाइव के लिए शिवम पांडेय की रिपोर्ट