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एटी देवप्रभा आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में व्याप्त अनियमितताओं और संभावित घोटालों को  न्यायाधीश की नजरों से बीसीसीएल के अधिकारियो ने छिपाया ! 

4/21/2025 6:44:47 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
dhanbad  : झारखंड उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठतम माननीय न्यायाधीश श्री संजय प्रसाद 19 अप्रैल को बीसीसीएल के दो दिवसीय दौरे पर धनबाद  पहुंचे। दौरे का मुख्य उद्देश्य था ,बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के एन टी ,एस टी  तीसरा, जयरामपुर और राजापुर कोलियरी और कुछ चिह्नित उत्खनन परियोजना का  निरीक्षण करना शामिल था।  परंतु बीसीसीएल के अधिकारियों ने न केवल तयशुदा कार्यक्रम की अवहेलना की, बल्कि न्यायाधीश को सुनियोजित ढंग से भ्रमित कर मुनीडीह और ऐना कोलियरी की ओर मोड़ दिया।सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों की इस चाल का असली उद्देश्य था—एटी देवप्रभा आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में व्याप्त अनियमितताओं और संभावित घोटालों को माननीय न्यायाधीश की नजरों से छिपाना। यह न सिर्फ न्यायपालिका के प्रति असम्मान है, बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता की कमी का एक नंगा सच भी। अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बजाय, उन्हें रक्षा कालिधाम ले जाकर पूजा-अर्चना में व्यस्त कर दिया और फिर बलियापुर होते हुए सर्किट हाउस में छोड़ दिया। इस पूरे घटनाक्रम में न तो बीसीसीएल के वरीय अधिकारी सक्रिय दिखे और न ही कंपनी के प्रमुख सीएमडी समीरन दत्ता, जिनका विदेश दौरा 21 अप्रैल से प्रस्तावित था, उन्होंने 19 और 20 अप्रैल को न्यायाधीश की उपस्थिति के बावजूद कोई भागीदारी नहीं दिखाई। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि माननीय न्यायाधीश इस पूरे घटनाक्रम से भीतर तक व्यथित थे, लेकिन उन्होंने अपनी पीड़ा को सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं किया। यह चुप्पी शायद न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने का प्रयास था, लेकिन बीसीसीएल के गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर यह गंभीर सवाल जरूर खड़ा करता है—क्या यह सिर्फ एक लापरवाही थी या किसी बड़ी साजिश की परतें?
 
कोयलांचल लाइव डेस्क