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28 -29 अप्रैल को रांची में कार्यशाला में होगी कृषि पर एक्शन प्लान तय इस बार मिश्रित खेती पर विशेष जोर का प्रस्ताव
4/26/2025 5:01:02 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad :
नए वित्तीय सत्र में झारखंड के धनबाद के लिए कृषि के दृष्टिकोण से एक्शन प्लान को लेकर आगामी 28 -29 अप्रैल को कृषि विश्वविद्यालय रांची में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला होने जा रही है।इसमें कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर से प्रभारी डॉ एल के दास प्रतिनिधित्व करेंगे उन्होंने स्वयं इस बात की पुष्टि की है । डॉ एल के दास ने बताया कि धनबाद के लिए सबसे महत्वपूर्ण मिश्रित खेती होगी । उन्होंने बताया कि आमतौर पर कृषक धान को अधिक तवज्जो देते हैं लेकिन मिश्रित खेती में मुख्य फसल के साथ अन्य उपज भी लगाने की प्रक्रिया रहती है।उन्होंने बताया कि बाजार के हिसाब से धान से अधिक महत्वपूर्ण है मिश्रित खेती में मड़ुआ ,ज्वार, बाजरा, सरसों व अरहर आदि का लगाना। इससे डबल आय को बल मिलता है । उन्होंने बताया कि धान का मूल्य आमतौर पर 20 रूपये से 30 रूपये होगा लेकिन मडुआ लगाने से कम से कम 40 से 50 रुपए आमदनी होगी । उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात है कम समय में तथा कम पानी में जो फसल लगाया जाए । वह धनबाद के कृषकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में आए सुझाव के आधार पर ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिए रिपोर्ट अर्थात एक्शन प्लान तैयार किया जाता है । ऐसे में यह वर्कशॉप झारखंड सहित धनबाद में कृषि कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि उसी के आधार पर अगले वित्तीय सत्र के लिए उसी के आधार पर कृषि क्षेत्र के लिए आगामी योजना तैयार किया जाएगा।
क्या है मिश्रित खेती का फायदा :
इसमें कृषक को फायदे हीं फायदे हैं अर्थात दो - दो ,तीन तीन फसल के फायदे एक साथ होतें हैं। बदलते मौसम में एक फसल में मांग के आधार पर यदि नुकसान भी हुआ तो दुसरा से फायदे होगा। ऐसा भी हो सकता है कि दोनों फसल का लाभ कृषक को एक साथ मिल जाए। इस प्रकार मिश्रित खेती झारखंड सहित धनबाद के कृषकों के लिए लाभ हीं लाभ है। बशर्ते मिश्रित खेती तकनीक रूप से ढंग से होनी चाहिए। अर्थात मौसमी फसल ढंग से लगना चाहिए। अर्थात दोनों फसल के पौधों के बीच का फासला सही होना चाहिए। यह कहना है कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर के प्रभारी डॉ एल के दास का।
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क
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