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"गोल्ड मार्केट ट्रेंड्स",भारत में गोल्ड की कीमते आसमान पर 

7/26/2025 11:43:19 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By -Vikash  
 
Delhi : वर्तमान में एशिया के प्रमुख सोना बाजारों में सोना मांग में तेज गिरावट देखी जा रही है क्योंकि सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुँच रही हैं (लगभग $3,400 प्रति औंस)। भारत में, रिटेल ग्राहक खरीदारी से दूर हैं और बिंदु तक सोना खरीदने से बच रहे हैं, जिससे ज्वेलर्स को $15 प्रति औंस तक की छूट देनी पड़ रही है—जो पिछले सप्ताह $10 थी—ताकि ग्राहक आकर्षित हों। घरेलू सोने की कीमतें ₹98,500 प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रही हैं, जबकि कुछ क्षणों में ₹1,00,555 तक पहुँची थीं। चीन सहित अन्य बाजारों में भी मांग कम हो गई है, वहाँ सोने की आपूर्ति और महँगी दरों की वजह से उपभोक्ता सावधान हो गए हैं। इसका परिणाम यह है कि भले ही सोना अभी एक सुरक्षित निवेश माना जा रहा हो, रिटेल और गहने की मांग दोनों में मंदी का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान सूचकांक और प्रवृत्तियाँ
आज (26 जुलाई 2025) सोने की कीमत भारत में ₹99,000+/10g के आसपास रही, जबकि MCX अगस्त फ्यूचर्स ₹1,00,555 तक पहुँच गई—यह रिकॉर्ड के करीब है। ग्लोबल स्तर पर सोना $3,387 प्रति आउंस पर स्थिर रहा, संयुक्त रूप से कमजोर डॉलर और अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड तनावों में कमी इसका असर थी। 
भविष्यवाणियाँ (Price Forecasts 2025–26)
HSBC ने 2025 की औसत सोने की कीमत का पूर्वानुमान $3,215/oz से बढ़ाकर $3,215 बताया और 2026 के लिए $3,125/oz अनुमानित किया है। बैंक के अनुसार यह वर्ष $3,100‑$3,600 के उच्च उतार‑चढ़ाव की सीमा में रहेगा। SSGA (State Street Global Advisors) के दृष्टिकोण में $3,000/oz ने नया बेस स्तर सेट किया है। इसका अनुमान है कि 2025 में सोना $3,100‑$3,500/oz में स्थिर रहेगा—और 30 % संभावना है कि $4,000/oz तक जाए अगरstagflation, तेज डॉलर कमजोर पड़े या नीतिगत उलझनें बढ़ें। Goldman Sachs ने अधिक ऊँचा लक्ष्य दिया है—$3,700/oz तक वर्ष अंत तक, और उच्च‑जोखिम परिदृश्य में $4,500/oz तक भी जा सकता है (71 % सालाना रिटर्न तक)।JP Morgan और Citi भी $3,400–$4,000/oz रेंज देखते हैं, विशेषकर वैश्विक मंदी या ट्रेड तनाव बढ़ने की स्थिति में। 
भारत‑विशिष्ट मांग और निवेश रुझान
World Gold Council (WGC) की रिपोर्ट अनुसार, भारत में 2025 में सोने की कुल खपत घटकर लगभग 700–800 टन रह सकती है (पिछले वर्ष 802.8 टन तक थी)। ज्वैलरी की मांग में गिरावट संभव है, पर निवेश संबंधी मांग (ETFs, डिजिटल गोल्ड, सिक्के, बार) मजबूत बनी रहेगी। 
FT रिपोर्ट बताती है कि शेयर बाजार में गिरावट के कारण अब भारतीय निवेशक सोने की ओर रुझान कर रहे हैं — खासकर गोल्ड ETFs में। जनवरी‑फ़रवरी 2025 में रिकॉर्ड निवेश प्रवाह ₹37.5bn और ₹19.8bn रहा है। इस कदम से पारंपरिक भौतिक मांग कम हुई है। दक्षिण एशियाई रुझान: गहने बिक्री घटने पर पुरानी गहने व सिक्के बाजार में लौट आए हैं—कुछ उपभोक्ता सोना बेच रहे हैं बजाय नए खरीदने के—जिससे घरेलू खपत पर दबाव बन रहा है .
💡 4. निवेश‑दृष्टिकोण (Outlook & Strategy)
वर्तमान परिदृश्य में सोना एक सुरक्षित निवेश (safe-haven) के रूप में कायम है, विशेषकर वैश्विक अस्थिरता, मुद्रास्फीति और ब्याज दर नीतियों के चलते। तकनीकी तौर पर ₹99,000 स्तर पर भारी प्रतिरोध दिखाई दे रहा है। छोटाविवेक (intraday) व्यापारियों के लिए "Sell-on-Rise" रणनीति सुझाई जाती है (₹99,000–₹99,450 एरिया में), जबकि गिरावट पर ₹98,400 ₹98,150 स्तर लक्ष्य बन सकते हैं। निवेशक जो मध्य‑दीर्घकालीन होल्डिंग सोचते हैं, उन्हें gold ETFs, डिजिटल gold या Sovereign Gold Bonds (यदि उपलब्ध हों) जैसे विकल्पों पर विचार करना चाहिए क्योंकि फिजिकल ज्वैलरी की बजट सीमाओं से मांग मंद पड़ रही है।
 
कोयलांचल लाइव डेस्क