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छत्तीसगढ़ में पहली बार 103 नक्सलियों को सरेंडर के बाद क्या मिला सरकार से...
10/3/2025 2:09:12 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला नक्सलियों का गढ़ रहा है. बीते गुरुवार को 103 नक्सलियों ने हथियार छोड़कर पुलिस और प्रशासन के सामने एक साथ सरेंडर कर दिया. यह कोई साधारण घटना नहीं है. राज्य के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का एक साथ मुख्यधारा में लौटना पहले कभी नहीं हुआ था. उनमें से 49 नक्सलियों पर पुलिस ने 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपये का इनाम रखा था. वहीं, हर नक्सली को अधिकारियों ने 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई।
आत्मसमर्पण समारोह में डीआईजी (दंतेवाड़ा रेंज) कमलोचन कश्यप, आईजी (केरिपु सेक्टर) बीएस नेगी और बीजापुर एसपी जितेंद्र कुमार यादव मौजूद रहे. सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 50,000 रुपये की तत्काल सहायता
राशि का चेक प्रदान किया गया।
एसपी यादव ने कहा, सरकार की नीति माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही है. सरेंडर करने वालों के परिवार चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं. हम बाकी नक्सलियों से भी अपील करते हैं कि वे अपने परिवार और समाज के बीच लौट आएं. अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक सिर्फ बीजापुर जिले में ही 410 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 421 नक्सली गिरफ्तार हुए और 137 माओवादी मारे गए हैं।
प्रमुख नक्सली कमांडर भी शामिल
गुरुवार को सरेंडर करने वालों में कई बड़े नक्सली कमांडर भी थे. इनमें दक्षिणी उप-जोनल ब्यूरो का कम्युनिकेशन कमांडर लच्छू पुनेम उर्फ संतोष, कंपनी नंबर-10 का गुड्डू फरसा उर्फ विजय और पीपीसीएम एवं सुरक्षा गार्ड कमांडर भीमा सोढ़ी उर्फ कमल सिंह/सुखदेव शामिल हैं. इन तीनों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था. इसके अलावा एरिया कमेटी लीडर, आरपीसी, मिलिशिया कमांडर और जनताना सरकार के सदस्य भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं।
पुलिस की सूची के मुताबिक, अधिकांश नक्सली मुरिया जनजाति से आते हैं और उनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है. वे भैरमगढ़, गंगालूर और नेलसनार थाना क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों से जुड़े हुए हैं।
कोयलांचल लाइव डेस्क
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