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4.65 लाख फिरौती देने के बाद भी नहीं लौटा, इंजीनियर की  दर्दनाक पुकार...

11/20/2025 12:15:07 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By – Prashant kumar 
 
 
Dhanbad :- भूली न्यू आजाद नगर के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर मो शाहजेब रहमान को म्यांमार में बंधक बना लिया गया है। मुक्त कराने के लिए उसकी मां से 5 हजार डॉलर की मांग की गई। मां निशांत अफरोज ने गहने बेचकर और कर्ज लेकर फिरौती की रकम भी बैंक में ट्रांसफर कर दी, लेकिन बेटा अबतक वापस नहीं लौटा। 
 
बैंगलोर के बाद म्यांमार में लगी थी नौकरी
मां ने एंबेसी, होम मिनिस्टर समेत उच्च अधिकारियों को पत्र के माध्यम से बेटे की रिहाई की मांग की है। मां को सरकार पर पूरा भरोसा है, वह बेटे के वापस लौटने का इंतजार कर रही है। मां ने बताया कि 2024 में वह बैंगलोर गया था। आईटी सेक्टर में उसे जॉब मिली थी, करीब 6 महीने बाद वापस घर लौट आया। सितंबर के पहले सप्ताह फिर से वह बैंगलोर चला गया। बैंगलोर से बाहर गया, लेकिन उसकी सूचना मुझे नहीं दी।  तीन महीने बाद दिसंबर में वह बताया कि वह बैंगलोर से बाहर चला गया है, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह कहां गया, शायद उसे लगा होगा मां डांट फटकार करेगी। मां ने बताया कि जनवरी-फरवरी महीने में उसने मुझे म्यांमार में रहने की जानकारी दी और कहा कि मार्केटिंग में वह नौकरी कर रहा है। वह अपना काम टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए बताता था, सब कुछ ठीक चल रहा था, म्यांमार में नौकरी करते हुए वह पैसा भी भेजता था।  7 या 8 अक्टूबर को उसने फोन किया और कहा कि मुझे म्यांमार से निकलना है, निकलने के लिए यहां के लोगों को ढाई लाख रुपए देने होंगे। 
 
 
युवक को क्यों बनाया गया बंधक
मां निशांत अफरोज ने बताया कि एक दिन के बाद अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दी, उसी दिन इंडियन एंबेसी, गृह मंत्री समेत अन्य उच्च अधिकारियों को उसकी रिहाई के लिए आवेदन देकर मांग की, आवेदन के बाद कार्रवाई होनी शुरू हो गई, लेकिन एक सप्ताह तक बेटे ने कोई कॉल नहीं किया।  एक सप्ताह के बाद टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज किया, जिसमें उसने बताया कि अपोलो पार्क 403 फोर्थ फ्लोर बी वन में रह रहें हैं।  उसका फोन उसके बॉस ने ले लिया था। दूसरे के फोन से उसने मैसेज किया था।  बेटे ने बताया कि उसके द्वारा गैर कानूनी काम कराया जा रहा है और वह गैर कानूनी काम नहीं करना चाहता है। उसे बंधक बना लिया गया था, बेटे ने बताया कि ढाई लाख से फिरौती की राशि बढ़ाकर 3 लाख 60 हजार रुपए कर दिया है।  बेटे का मोबाइल लैपटॉप सभी सामान उन लोगों ने रख लिया। बेटे ने कहा कि 5 हजार डॉलर भेजने पर ये लोग उसे छोड़ देंगे, जो इंडियन करेंसी के हिसाब 4 लाख 60 हजार रुपए होता है , युवक के बंधक बनाए जाने की शिकायत मिलने के बाद, पीड़ित को म्यांमार से वापस लाने की कोशिशें चल रही हैं। विदेश मंत्रालय और वहां की एम्बेसी को ईमेल से बताया गया है, और जवाब भी मिल गया है। पहली नज़र में, यह ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला लग रहा है। हालांकि, अभी कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता। जैसे ही कोई अपडेट आएगा, हम जानकारी शेयर करेंगे।
 
 
बेटे ने बताया था अब एंबेसी यहां से निकालेगी 
मां ने बताया कि कुछ गहने को बेच दिया, कुछ उधार लिए और कुछ बेटे ने भेजा था। सभी मिलाकर 4 हजार डॉलर अकाउंट में भेजे, एक हजार डॉलर बाकी रह गया, फिर 7 नवंबर को एक हजार डॉलर अकाउंट में भेजा, इंडियन करेंसी के हिसाब से 4 लाख 65 हजार रुपए अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था।  पैसे मिलने के बाद बेटे ने कहा कि दो तीन दिन में निकलने की बात कही।  दो तीन दिन देर होने का कारण पूछने पर उसने बताया कि कुछ पेपर वर्क कराकर ये लोग छोड़ देंगे। यह बात पिछले शुक्रवार को हुई थी, उसके बाद कोई बात बेटे से नहीं हुई है। बेटे ने बताया था कि उसके साथ नेपाल का भी एक लड़का है, वह भी साथ में ही निकलेगा।  उसने सिर्फ इतना कहा कि खाना बनाकर रखना, उसके बाद से फोन बंद है। रविवार को उसका फिर फोन आया, उसने बताया कि याताई स्थित डिटेंशन सेंटर में उसे छोड़कर गया है, उसने बताया कि उन लोगों के द्वारा पासपोर्ट दे दिया गया है। बेटे ने कहा कि अब इन लोगों का काम नहीं है, अब एंबेसी यहां से निकालेंगी। 
 
 
अब मां को सरकार से उम्मीद
उसने बताया कि खाने के लिए तकलीफ हो रही है, कभी मिलता है तो कभी नहीं भी मिलता है।  इंडियन करेंसी के रूप में बेटे ने 20 हजार भेजने को कहा।  किसी तरह से जुगाड़कर उसे 20 हजार रुपए भेजा गया।  पैसे भेजे जाने के बाद फिर उसका कोई फोन नहीं आया। उसका मोबाइल भी उसे नहीं दिया गया था, वह किसी दूसरे के मोबाइल से संपर्क कर रहा था। मां ने कहा कि म्यांमार एंबेसी से लगातार बात हो रही है। उनका कहना है कि हमलोग एक्शन में जुटे हैं।  लेबर ऑफ मिनिस्ट्री से भी फोन आ रहा है, उनके द्वारा भी सांत्वना दिया जा रहा है। सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मेरे बेटे की सकुशल घर वापसी करा दें।  2014 में सिटी मॉडल स्कूल चिरकुंडा से शाहजेब ने दसवीं की पढ़ाई पूरी की. फिर धनबाद राजकीय पॉलिटेक्निक से पढ़ाई पूरी करने के बाद भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। 
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क