Date: 25/11/2025 Tuesday ABOUT US ADVERTISE WITH US Contact Us

 
 अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड उड़ा रहा नियमों की धज्जियां,कंपनी के प्रदूषण से खेत,तालाब और हवा हुई जहरीली,ग्रामीणों में रोष 

11/24/2025 12:13:31 PM IST

48
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Saraikela   : सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा स्थित अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण अब गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट में बदल चुका है। ग्रामीणों,सामाजिक कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने बार-बार कंपनी प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को शिकायतें दीं लेकिन प्रदूषण रोकने की दिशा में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ाता जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक कंपनी की ऊंची चिमनियों से निकलने वाला गाढ़ा काला धुआं हवा में सीधे मिश्रित हो रहा है जिससे सांस की तकलीफ, आँखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याओं के मामले तेजी से बढ़ रहा है। यह स्थिति पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 तथा वायु प्रदूषण (नियंत्रण और रोकथाम) अधिनियम, 1981 के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में आती है। बावजूद इसके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी न तो निरीक्षण रिपोर्ट जारी कर रहे हैं और न ही मानकों के अनुरूप उत्सर्जन नियंत्रण की पुष्टि कर रहे हैं। सबसे खतरनाक स्थिति कंपनी परिसर से निकलने वाले रासायनिक युक्त दूषित जल की है जो पास के तालाब और खेतों तक पहुंचकर पानी को पूर्णतः असुरक्षित बना चुका है। जल प्रदूषण (नियंत्रण एवं रोकथाम) अधिनियम, 1974 के अनुसार किसी भी औद्योगिक इकाई को बिना ट्रीटमेंट औद्योगिक अपशिष्ट छोड़ना दंडनीय अपराध है लेकिन कंपनी पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न होना विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है। ग्रामीणों का कहना है कि दूषित पानी के कारण मवेशी बीमार पड़ रहे हैं तालाबों की जैव-विविधता नष्ट हो रही है और खेतों की उर्वरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिकायतों के बावजूद प्रशासन, जिला प्रदूषण विभाग और कंपनी प्रबंधन की संदिग्ध चुप्पी स्थानीय लोगों के अविश्वास को और गहरा रही है। कांड्रा के लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन और कंपनी जल्द कार्रवाई नहीं करते, प्रदूषण रोकने के उपायों को लागू नहीं करते, नियमित पर्यावरण ऑडिट सार्वजनिक नहीं करते और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो ग्रामीण बड़े स्तर पर जन-आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे। यह मामला सिर्फ पर्यावरण प्रदूषण का नहीं बल्कि नियामक संस्थाओं की विफलता और आम जनता के स्वास्थ्य अधिकारों के खुले उल्लंघन का उदाहरण बन चुका है।
 
सरायकेला से कोयलांचल लाइव के लिए बसंत कुमार साहू की रिपोर्ट