Asansol : पूरा बंगाल दुर्गोत्सव के उमंग में डूबने को तैयार है, पंडालों के पट खुलने का दौर भी शुरू हो चुका है, आसनसोल के लच्छीपुर रेडलाइट एरिया में भी दुर्गोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। वर्ष 2008में ही यहां की यौनकर्मियों ने आपस में चंदा कर दुर्गापूजा की शुरुआत की थी। पांच वर्षों से बड़े स्तर पर पूजा हो रही है। लेकिन चंदा की परंपरा वही है, यौनकर्मी ही आपस में चंदा इकट्ठा करती हैं और सरकारी अनुदान भी मिलता है। पांच वर्षों से विशेष थीम पर पूजा हो रही है। इस बार कोलकाता दुरबार से यौनकर्मियों व वंचितों को हक चाहिए की थीम पर पूजा हो रही है। वर्षों से बंगाल के यौन कर्मी अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं। आज तक उनके हक के बारे में कोई बात नहीं हुई। इस बार का थीम भी यही है। बंगाल के सभी यौनपल्लियों में इस बार भी एक ही थीम पर पूजा होगी। यह पूजा सबसे विशेष होती है। जिस यौनकर्मी के चौखट की मिट्टी के बिना मां की मूर्ति नहीं बनती उनके ही द्वारा पूजा का आयोजन होता है, यही सबसे बड़ी विशेषता है। कई विशेष कार्यक्रम भी चार दिनों तक होते हैं।
कोयलांचल लाइव के लिए आसनसोल से रिकी की रिपोर्ट
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