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यूआईडीएआई ने मॉयआधार पोर्टल पर शुरु की नई सेवा, पोर्टल पर देनी होगी परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना
7/18/2025 4:19:51 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edit by umesh tivari
New Delhi :
यूआईडीएआई ने मॉयआधार पोर्टल पर एक नई सेवा– “परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना” शुरू की है, जो वर्तमान में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इस पोर्टल के जरिए से कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की मृत्यु की रिपोर्ट कर सकता है। इसके लिए उसे खुद को प्रमाणित करना होगा और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, मृत व्यक्ति का आधार नंबर निष्क्रिय करने की कार्रवाई की जाएगी। शेष राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस पोर्टल से जोड़ने का कार्य जारी है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) देशवासियों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को एक विशिष्ट 12 अंकों की डिजिटल पहचान यानी आधार प्रदान करता है, जो कभी किसी अन्य व्यक्ति को फिर आवंटित नहीं किया जाता है। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार नंबर का निष्क्रिय किया जाना जरुरी होता है ताकि उसकी पहचान का गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी रोकी जा सके। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी इसकी जानकारी दी है, जिसके मुताबिक मृतक आधार संख्या धारकों के आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले उनकी स्थिति का सत्यापन करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके उन पर व्यापक प्रभाव पड़ सकते हैं।
आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए, यूआईडीएआई ने कई स्रोतों से मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त करने और उचित सत्यापन के बाद आधार नंबर निष्क्रिय करने के लिए निम्नलिखित सक्रिय कदम उठाए हैं। हाल ही में यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से आधार नंबरों से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया था।
आरजीआई ने अब तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के जरिए से करीब 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्रदान किए हैं। उचित सत्यापन के बाद करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है। गैर-सीआरएस राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इस तरह की प्रक्रिया जारी है। अब तक करीब 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड मिल चुके हैं, और उन्हें निष्क्रिय करने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा यूआईडीएआई बैंकों और अन्य आधार पारिस्थितिकी तंत्र संस्थाओं से भी मृत्यु संबंधी जानकारी प्राप्त करने की संभावनाओं को तलाश रहा है, ताकि मृतक के आधार नंबर का समय रहते निष्क्रिय किया जा सके।
यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने में राज्य सरकारों की सहायता भी ले रहा है। पायलट परियोजना के तहत 100 साला से ज्यादा आयु वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डेटा राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि आधार धारक जीवित हैं या नहीं। ऐसी सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने पर ऐसे आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले जरुरी सत्यापन किया जाएगा। किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उनके आधार नंबर के अनधिकृत इस्तेमाल को रोकने के लिए, यह अनुशंसा की जाती है कि आधार धारक मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरण से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद मॉयआधार पोर्टल पर अपने परिवार के उन सदस्यों की सूचना दें, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
कोयलांचल लाइव डेस्क
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