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टैक्स ऑडिट में ऑडिटर्स को न केवल कानून की भाषा, बल्कि करदाता के व्यवसायिक परिदृश्य को भी समझना आवश्यक : सीए पंकज शाह

10/12/2025 7:49:46 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
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Ranchi : दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की टैक्सेशन ऑडिट्स रिव्यु बोर्ड (TARB) के तत्वावधान में आज होटल रमाडा, रांची में “टैक्स ऑडिट” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया। सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सीए (डॉ.) अनुज गोयल, चेयरमैन टैक्सेशन ऑडिट्स रिव्यू बोर्ड (TARB) आईसीएआई ने कहा कि टैक्सेशन ऑडिट्स रिव्यू बोर्ड का उद्देश्य चार्टर्ड एकाउंटेंट्स द्वारा किए जा रहे टैक्स ऑडिट कार्यों की गुणवत्ता को और सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने बताया कि बोर्ड पारदर्शिता, प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स और ऑडिट रिपोर्ट्स की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों पर कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत बोर्ड ने गुणवत्ता समीक्षा प्रणाली को और प्रभावी बनाने के साथ-साथ सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए नीतिगत दस्तावेज, अध्ययन सामग्री और कार्यशालाओं का आयोजन भी प्रारंभ किया है। अपने स्वागत सम्बोधन में इंस्टिट्यूट की रांची शाखा के अध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया ने कहा कि टैक्स ऑडिट केवल एक वैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि यह व्यवसायिक पारदर्शिता और अनुपालन की संस्कृति को मजबूत करने का साधन है। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार का उद्देश्य टैक्स ऑडिट की प्रक्रिया में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों, नवीन संशोधनों एवं व्यावसायिक दायित्वों की गहराई से समझ विकसित करना है। 
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इस सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र सीए कमल गर्ग द्वारा लिया गया, जिन्होंने “ कंपनी ऑडिट रिलेटेड एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स एंड  स्टैंडर्ड्स ऑन ऑडिटिंग (SAs) इन टैक्स ऑडिट” विषय पर विस्तारपूर्वक मार्गदर्शन दिया। उन्होंने एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स  (AS-9, AS-10, AS-11, AS-18) तथा स्टैंडर्ड्स ऑन ऑडिटिंग (SA-230, SA-315, SA-700) की टैक्स ऑडिट में प्रासंगिकता को समझाया। उन्होंने बताया कि वित्तीय विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करने में ऑडिटिंग स्टैंडर्ड्स की महत्वपूर्ण भूमिका है और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट तैयार करते समय इन मानकों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने केस स्टडी और व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि रिपोर्टिंग में छोटी असंगतियाँ भविष्य में टैक्स अथॉरिटी द्वारा प्रश्न उठाने का कारण बन सकती हैं। सेमिनार का दूसरे तकनीकी सत्र सीए पंकज शाह, उपाध्यक्ष टैक्सेशन ऑडिट्स रिव्यु बोर्ड, द्वारा लिया गया। उन्होंने “प्रैक्टिकल इश्यूज इन टैक्स ऑडिट” विषय पर अत्यंत रोचक एवं ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। अपने सत्र में उन्होंने Form 3CD की विभिन्न क्लॉज़ जैसे क्लॉज़ 21, 30C, 34 एवं 44 के अंतर्गत रिपोर्टिंग की बारीकियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने GST और आयकर के समन्वय (reconciliation), कैश लेन-देन की रिपोर्टिंग, TDS और Depreciation से संबंधित सामान्य त्रुटियाँ, तथा बुक्स ऑफ़ एकाउंट्स के सत्यापन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों पर व्यावहारिक उदाहरणों सहित चर्चा की। उन्होंने बताया कि टैक्स ऑडिट में छोटे-छोटे अंतर भी बड़ी अनुपालन समस्याओं का कारण बन सकते हैं, इसलिए ऑडिटर्स को न केवल कानून की भाषा, बल्कि करदाता के व्यवसायिक परिदृश्य को भी समझना चाहिए। सेमिनार के दोनों तकनीकी सत्र संवादात्मक और अत्यंत उपयोगी रहे, जिनमें उपस्थित सदस्यों ने अपने प्रश्न रखे और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किए। कार्यक्रम का संचालन रांची शाखा की सी पी इ कमिटी के अध्यक्ष सीए हरेन्दर भारती के द्वारा किया गया, तथा अंत में सीए भुवनेश ठाकुर, सचिव – रांची शाखा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर रांची एवं आसपास के क्षेत्रों से 100 से अधिक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने सत्र को अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं व्यावहारिक बताया और भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रमों की अपेक्षा व्यक्त की। इस सेमिनार के आयोजन में रांची शाखा के कार्यकारिणी सदस्य सीए दिलीप कुमार और सीए निशांत मोदी का महत्वपूर्ण योगदान था।
 
रांची से  कोयलांचल  लाइव के लिए नकी इमाम रिज़वी की रिपोर्ट