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 ग्रह-नक्षत्र दे रहे संकेत :बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार ,जानिए राहुल तेजस्वी की क्या है कुंडली में  

10/22/2025 5:55:33 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Varansi   : बिहार में चुनावी सरगर्मी तेजी पर है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन पूरा हो चुका है। सियासी सरगर्मी चरम पर है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इस बीच काशी के युवा ज्योतिषविद और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. श्वेतांक मिश्र ने अपने ज्योतिषीय आकलन के आधार पर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि इस बार फिर बिहार की सत्ता एनडीए गठबंधन के हाथों में जाएगी। डॉ. मिश्र ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से विशेष बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और रणनीतिकार प्रशांत किशोर की उपलब्ध जन्मकुंडलियों के ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को हुए महत्वपूर्ण खगोलीय परिवर्तन- बृहस्पति का कर्क राशि में प्रवेश- का असर चुनावी समीकरणों पर भी परिलक्षित होगा।
 
नीतीश कुमार को मिल रहा ‘राजयोग’ का साथ :
 
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की कुंडली मिथुन लग्न और वृश्चिक राशि की बनती है। 18 अक्टूबर से पूर्व तक बृहस्पति चंद्रमा से अष्टम भाव में स्थित थे, जो अनुकूल नहीं माना जाता। लेकिन अब बृहस्पति चंद्रमा से नवम (भाग्य) भाव में पहुंच चुके हैं, जिससे एक शक्तिशाली ‘राजयोग’ बन रहा है। इसके प्रभाव से नीतीश कुमार को एंटी-इनकंबेंसी के बावजूद चुनाव में कोई विशेष क्षति नहीं होगी।
 
मोदी की कुंडली सबसे सशक्त, राहुल-तेजस्वी कमजोर :
 
डॉ. मिश्र के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुंडली तुलनात्मक रूप से सबसे अधिक सशक्त है। वर्तमान समय उनके लिए मध्यम फलदायक है, लेकिन विपक्षी नेताओं की तुलना में यह उन्हें बढ़त देती है। दूसरी ओर, राहुल गांधी की कुंडली में राहु-शनि का ‘शापित योग’ बना हुआ है, जो उनके नेतृत्व में कांग्रेस के प्रदर्शन को सीमित कर सकता है। महागठबंधन में कांग्रेस की अपेक्षा अन्य दल बेहतर स्थिति में रहेंगे। तेजस्वी यादव की कुंडली को लेकर ज्योतिषीय मतभेद हैं, लेकिन यदि कुम्भ लग्न को आधार माना जाए, तो वे इस समय शनि की साढ़े साती के अंतिम चरण में हैं। ज्योतिषीय भाषा में यह काल ‘संकटा में सिद्धा’ कहलाता है – जो संघर्षशील तो होता है, पर सत्ता तक पहुंचाने में समर्थ नहीं। इस कारण वे निर्णायक भूमिका में आते नहीं दिख रहे।
 
चिराग पासवान के चमक सकते हैं सितारे :
 
मिश्र कहते हैं कि ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान के लिए यह चुनाव बेहद खास साबित हो सकता है। वे एनडीए के भीतर एक उभरती हुई ताकत के रूप में सामने आ सकते हैं। चुनाव के बाद उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की प्रबल संभावना बन रही है। डॉ. मिश्र के अनुसार सीमांचल जैसे क्षेत्रों में महागठबंधन को फायदा हो सकता है, लेकिन शहरी और मध्यमवर्गीय क्षेत्रों में एनडीए को बढ़त मिलने के स्पष्ट संकेत हैं। भाजपा, जदयू और लोजपा (रामविलास) का संयोजन शहरी मतदाताओं में मजबूत पकड़ बनाए हुए है।
 
एनडीए के पक्ष में ज्योतिषीय संकेत :
 
अब तक उपलब्ध समग्र ज्योतिषीय विश्लेषण और अध्ययन के आधार पर डॉ. श्वेतांक मिश्र का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए गठबंधन एक बार फिर सरकार बनाने में सफल हो सकता है। यद्यपि राजनीतिक समीकरण समय-समय पर बदलते रहते हैं, परंतु ग्रह-नक्षत्रों का संदेश इस बार एनडीए के पक्ष में जाता दिख रहा है।
 
कोयलांचल लाइव डेस्क