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गणेश सिंह के हटते ही कई जिलों में हड़कंप, सिंडिकेट नेटवर्क बेनकाब

11/8/2025 4:43:58 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - VIkash 
 
Ranchi : झारखंड पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस मुख्यालय में एनजीओ प्रभारी और विवादों में घिरे पुलिस इंस्पेक्टर गणेश सिंह को हटाने के बाद पूरे पुलिस सिस्टम में हलचल मच गई है। नए डीजीपी की तैनाती और गणेश सिंह के आउट होने के साथ ही उस कथित “सिंडिकेट नेटवर्क” में हड़कंप है, जिससे कई जिलों के अफसर जुड़े बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, रांची, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग और जमशेदपुर समेत कई जिलों में दर्जनों पुलिस इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई और रीडर स्तर के अफसर सीधे गणेश सिंह से संपर्क में थे।
इनमें से अधिकांश अफसर अपने-अपने पदों पर तय अवधि से कहीं अधिक समय से जमे हुए थे। बताया जाता है कि पुलिस मुख्यालय में इन अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर विशेष जिम्मेदारियां तय करने तक में गणेश सिंह की सीधी भूमिका रहती थी।
“सिंडिकेट अफसरों” की मनपसंद पोस्टिंग की कहानी
खुलासे के अनुसार, पुलिस मुख्यालय में होने वाली ट्रांसफर बोर्ड मीटिंग की जानकारी पहले से ही गणेश सिंह अपने नजदीकी अफसरों तक पहुंचा देते थे। इसका फायदा उठाकर उनके “सिंडिकेट अफसरों” को मनपसंद जिलों में पोस्टिंग दिलवा दी जाती थी। वहीं, जिन अफसरों का कार्यकाल पूरा हो चुका था, उन्हें गणेश के प्रभाव में ट्रांसफर से बचा लिया जाता था। गणेश पर यह भी आरोप है कि वे जिला स्तर पर रीडर और सार्जेंट मेजर के पदों पर अपने “लॉयल अफसरों” को बैठाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालते थे। वर्तमान में कई जिलों में उनके करीबी अब भी इन जिम्मेदार पदों पर कार्यरत हैं।
वसूली, धमकी और एसीबी का डर
सूत्र बताते हैं कि गणेश सिंह के इशारे पर कई अफसरों से “लीगल काम” के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी। विरोध करने वालों को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की जांच की धमकी दी जाती थी। एसीबी ऑफिस में गणेश ने एक कंप्यूटर सिस्टम में कथित तौर पर “वसूली लिस्ट” और संबंधित अफसरों के नाम दर्ज कर रखे थे। फिलहाल, इसी को लेकर गणेश के खिलाफ एसीबी में गंभीर जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने एसीबी ऑफिस के हार्ड डिस्क बदलने की कोशिश की थी ताकि सबूत मिटाए जा सकें। इस मामले में कई वरिष्ठ अफसरों से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है।
धनबाद में सबसे ज्यादा हड़कंप
धनबाद जिले में गणेश सिंडिकेट से जुड़े करीब आधा दर्जन अफसरों की पहचान की जा चुकी है। इनमें एक रीडर से दारोगा बने अफसर और एक सार्जेंट मेजर शामिल हैं। गणेश के आउट होते ही दोनों अफसरों में भारी टेंशन देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन दोनों की ट्रांसफर की संभावना प्रबल है। ट्रांसफर से बचने के लिए दोनों अफसर अब पुलिस एसोसिएशन में पद हासिल करने की कोशिश में हैं, ताकि उन्हें “संरक्षण” मिल सके।
नए डीजीपी की सख्ती की तैयारी
सूत्रों की मानें तो नए डीजीपी ने इस पूरे “सिंडिकेट नेटवर्क” पर कड़ी कारवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही एसीबी और पुलिस मुख्यालय में इन अफसरों के खिलाफ औपचारिक शिकायतें दर्ज कराई जाएंगी। महकमे में चर्चा है कि अब “गणेश सिंडिकेट” के कई चेहरों का पर्दाफाश होना तय है। गणेश सिंह को हटाए जाने के बाद झारखंड पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार और नेटवर्किंग के खिलाफ कारवाई की नई शुरुआत मानी जा रही है। सवाल यह है कि क्या इस कारवाई से वाकई “सिंडिकेट सिस्टम” का अंत होगा या यह सिर्फ शुरुआत है। इस पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं।
 
रांची से कोयलांचल लाइव के लिए एन तिवारी की रिपोर्ट