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नहीं रहें अब डॉक्टर्स भगवान के श्रेणी में , मेडिकल में जाने सर्जरी में फर्जी व धोखाधड़ी की सच्चाई

9/8/2025 4:03:07 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : धरती पर डॉक्टर्स  को भगवान मानने की उक्ति कहीं झठलाने तो नहीं लगी ? इस धंधे की एक कटु सच्चाई सामने आई है जिसको सुनकर संबंधित सच्चाई से शायद आपकी विश्वास भी डगमगा न जाय।  एक सर्वे के आधार पर तथा भारत की संसदीय समिति द्वारा की गई टिप्पणी को अगर सच मान जाय  तो यह धंधा अब उस कदर विश्वसनीय भी नहीं रहा। हालिया शोध के आधार पर या सामने आया है कि भारत में लगभग 44% मानव सर्जरी फर्जी धोखाधड़ी वाला और अनावश्यक होता है। कहने  का तात्पर्य है कि अस्पतालों में की जाने वाली लगभग आधी सर्जरी धोखा घड़ी वाला और अनावश्यक केवल लूट खसोट के लिए की जा रही है। जानकारों का यह भी मानना है कि भारत में 55% ह्रदय सर्जरी ,48% हिस्टेरेक्टोमी (गर्भाशय निकालने )की सर्जरी ,47% कैंसर सर्जरी ,48% घुटने की प्रत्यारोपण की सर्जरी, 45% कंधे का प्रत्यारोपण रीढ की सर्जरी आदि फर्जी या अनावश्यक की जाती है। पूंजी पत्तियों का शहर महाराष्ट्र में तो वहां इस मामले में बिल्कुल अंधा राज चल रहा है। यहां सर्वे के आधार पर स्थिति यह आई है की बड़े अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए प्रतिमाह एक करोड़ का वेतन दिया जाता है। वजह यह है कि जो डॉक्टर ज्यादा जांच इलाज में फर्जी और सर्जरी करवाने की स्पर्धा में आगे जाते हैं उन्हें आर्थिक रूप से मेडिकल एजेंसी प्रमोट करती है। अर्थात उनकी कमाई में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होती है। और जो डॉक्टर बेहतर और कम खर्च वाले चिकित्सा पद्धति को प्रमोट करते हैं उन्हें पेशे में ढंग से परिवार तक चलाने  की आफत  पड़ जाती है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक मामला पिछले दिनों प्रकाशित किया था की एक प्रतिष्ठित अस्पताल में एक 14 वर्षीय मृत लड़के को जीवित घोषित कर पहले उसे लगभग एक महीने तक का इलाज के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया। जब शिकायत दर्ज की गई तो अस्पताल को दोषी पाया गया। बाद में समझौता के तौर पर अस्पताल  परिवार ने उन्हें 50 लाख का भुगतान किया ।लेकिन  परिवार ने इस दौरान जो मानसिक यातनाएं सहन की है उसका हर्जाना भुगतान कौन करेगा ? क्यों इतना सब सुनने के बाद भी आपको लगता है की मौजूदा दौर में भी डॉ धरती पर भगवान है और अस्पताल उनके लिए वरदान है ? स्थति यह है कि जो डॉक्टर्स टेस्ट और अन्य प्रक्रियाओं के जरिए जमकर डॉक्टर्स कमीशन कमा रहें हैं। उनकी चांदी कट रही है उन्हें कम वेतन से कोई फर्क नहीं पड़ रही है। 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क